बागपत।  शहर की झंकार गली में रहने वाले सट्टा माफिया सुमित पंजाबी और उसके साथियों पर दर्ज गैंगस्टर का मुकदमा हाईकोर्ट ने खत्म करने के आदेश दिए। साथ ही गैंगस्टर के मुकदमे की विवेचना एक साल की जगह दो साल में पूरी करने पर दस इंस्पेक्टरों के खिलाफ जांच शुरू हो गई। वहीं पहले एक साल में विवेचक रहे छह इंस्पेक्टरों को छह महीने तक थाना प्रभारी बनाने पर रोक लगाई गई हैं।

सट्टा गिरोह चलाने वाले सुमित पंजाबी और उसके भाई अमित पंजाबी, शाहिद उर्फ सेवा, विनोद, अनिल उर्फ कालू, सुरेश के खिलाफ इंस्पेक्टर ओमप्रकाश सिंह ने 29 अप्रैल 2022 में कोतवाली पुलिस ने गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज कराया था।

बताया गया कि वर्ष 2022 में दर्ज हुए गैंगस्टर के मुकदमे की विवेचना एक साल में पूरी करनी थी, जबकि मुकदमे की विवेचना दो साल में पूरी कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया।

यह मामला अब कोर्ट में विचाराधीन है। गैंगस्टर के मुकदमे की विवेचना को दो साल तक लंबित रखने और दो साल बाद आरोप पत्र दाखिल करने को आधार बनाकर सट्टा माफिया सुमित पंजाबी हाईकोर्ट में पहुंच गया। याचिका पर सुनवाई कर मामले में हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर दिया। उसमें कहा गया है कि सुमित पंजाबी पर दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे को खत्म किया जाए। इसके अलावा दो साल तक विवेचना बदलती रही और जिन दस इंस्पेक्टरों ने विवेचन की, उनमें किसकी लापरवाही है, उसकी जांच करके एसपी को कार्रवाई के आदेश दिए।