
लखनऊ। स्मार्ट मीटर में रीडिंग की गड़बड़ी की जांच के लिए उपभोक्ताओं को 175 रुपये जमा करना होगा। पावर कॉरपोरेशन के एमडी एम. देवराज ने गुरुवार को सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को आदेश जारी कर दिया।
उन्होंने बताया कि यदि उपभोक्ता को अपने परिसर पर स्थापित मीटर की रीडिंग पर संदेह है, तो उपभोक्ता चेक मीटर लगाने के लिए आवेदन कर सकता है। उपभोक्ता को टैरिफ ऑर्डर -2020 के अनुसार स्मार्ट मीटर को चेक करने के लिए मीटर टेस्टिंग एवं चेकिंग के लिए निर्धारित शुल्क 175 जमा करना होगा। उन्होंने बताया कि विद्युत प्रदाय संहिता 2005 के अनुसार आवेदन के सात दिनों के भीतर वर्तमान मीटर के साथ ही सिरीज में एक चेक मीटर स्थापित करते हुये मीटर का परीक्षण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यदि परिसर पर चेक मीटर की स्थापना के 7-15 दिनों के बाद यदि मीटर सही पाया जाता है तो कोई कार्यवाही नहीं की जायेगी। यदि मीटर तेज/धीमा पाया जाता है। उपभोक्ता रिपोर्ट से सहमत हुआ है तो पूर्व तीन मास का बिल अंतिम परिणाम के अनुसार बिल में समायोजित किया जायेगा। यदि मीटर मंद होना पाया जाता है तो उपभोक्ता के अनुरोध पर इन प्रभारों की वसूली किश्तों में की जायेगी। जो तीन माह से अधिक नहीं होगी। स्मार्ट मीटर के चेक मीटर के लिए स्मार्ट मीटर/सामान्य मीटर लगाया जा सकता है। परंतु चेक मीटर में परीक्षण के बाद यदि मीटर बदलने की आवश्यकता हो तो स्मार्ट मीटर के स्थान पर स्मार्ट मीटर ही प्रतिस्थापित किया जायेगा।
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