नई दिल्ली: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है. पति और पत्नी दोनों ही केंद्रीय कर्मचारी हैं और (CCS-पेंशन), 1972 नियमों के तहत कवर हैं, तो उनकी मृत्यु होने पर उनके बच्चों को दो फैमिली पेंशन मिल सकती है. इस पेंशन की अधिकतम सीमा 1.25 लाख रुपये तक हो सकती है. लेकिन इसके लिए कुछ नियम और शर्तें हैं जिसके तहत इस पेंशन को दिया जा सकता है. आइए जानते हैं क्या है नियम?
केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के साथ उनके परिवार को भी सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराती है. केंद्रीय सिविल सेवाएं के नियम 54 के सब रूल (11) के तहत, अगर पति और पत्नी दोनों सरकारी कर्मचारी हैं और उस नियम के तहत आते हैं, तो उनकी मृत्यु हो जाने पर उनके बच्चे माता-पिता दोनों की पेंशन के लिए हकदार होंगे.
नियमों के मुताबिक सर्विस के दौरान या रिटायरमेंट के बाद अगर किसी एक पैरेंट की मौत होती है तो पेंशन जीवित पैरेंट यानी पति या पत्नी को मिलती है. दोनों की मृत्यु होने पर उनके बच्चों को दो फैमिली पेंशन मिलेगी.
पहले अगर दोनों पेंशनर्स की मौत हो जाती थी तो रूल 54 के सब रूल (3) के मुताबिक बच्चे या बच्चों को मिलने वाली दो पेंशन की सीमा 45,000 रुपये थी, रूल 54 के सब रूल (2) के मुताबिक परिवार की दोनों पेंशन 27,000 रुपये की प्रति महीना लागू होती है. 5,000 और 27,000 रुपये पेंशन की सीमाएं छठे वेतन आयोग के मुताबिक CCS नियमों के रूल 54(11) के तहत सबसे ज्यादा भुगतान 90,000 रुपये प्रति महीना के 50 फीसदी और 30 फीसदी की दर पर हैं,
सातवें वेतन आयोग के बाद सरकारी नौकरी में पेमेंट को रिवाइज करके 2.5 लाख रुपये प्रति महीना कर दिया गया. इसके बाद से बच्चों को मिलने वाली पेंशन में भी बदलाव हुआ. Department of Pension & Pensioners Welfare (DoPPW) के नोटिफिकेशन के मुताबिक, दो सीमाओं में बदलाव कर इन्हें 1.25 लाख रुपये प्रति महीना और 75,000 रुपये प्रति महीना किया गया है.