प्रयागराज. उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादलों को लेकर बड़ी खबर है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ने शिक्षा सत्र के बीच तबादलों पर लगी रोक हटा ली है. कोर्ट ने राज्य सरकार को तबादला करने की इजाजत दे दी है. बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से तबादले करने की मांग को लेकर दाखिल अर्जी पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया है.

हाईकोर्ट ने दिव्या गोस्वामी केस में दिए अपने ही आदेश को संशोधित किया है. हालांकि आदेश में साफ किया गया है कि कोर्ट ने सिर्फ मौजूदा सत्र के लिए यह मंजूरी दी है. इसके साथ ही चिकित्सकीय आधार पर कभी भी स्थानांतरण करने की मांग करने की छूट दी है. हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद अब राज्य सरकार नीति के अनुसार इस मामले में अपनी मंजूरी दे सकेगी.

बता दें इससे पहले हाईकोर्ट ने 3 नंवबर के आदेश से अंत‌र्जनपदीय तबादलों को लेकर जारी सरकार की गाइडलाइन को मंजूरी दे दी थी. लेकिन कोर्ट ने बीच सत्र में किसी भी शिक्षक का तबादला करने पर रोक लगा दी थी. जस्टिस अजीत कुमार की एकल पीठ ने ये आदेश दिया है.

अध्यापकों को वेतन भुगतान करें बीएसए: हाईकोर्ट
इसके अलावा एक अन्य मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीएसए को अध्यापकों के वेतन भुगतान का निर्देश दिया है. बीएसए ने शिक्षा सत्र में बदलाव के चलते भुगतान से इंकार कर दिया था. कोर्ट ने बीएसए बलिया को निर्देश दिया है कि सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक को जुलाई 15 से 20 दिसम्बर 2015 तक के बकाया वेतन का भुगतान करें. कोर्ट ने अंगद यादव केस के फैसले का पालन करने व लाभ याची को देने का आदेश दिया है. बलिया के प्राइमरी स्कूल मठिया, करम्मर ब्लाक बेरूआरबारी, के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक नजरूद्दीन व 5 अन्य की याचिका पर जस्टिस पंकज भाटिया की एकल पीठ ने ये आदेश दिया है.