लखनऊ में गोमती तट पर चल रहे मां पीतांबरा महायज्ञ में शनिवार दोपहर पहुंचे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भाजपा कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए गए। उनकी गाड़ी के सामने हंगामा कर नारेबाजी की। इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा धर्म की ठेकेदार नहीं हो सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग पिछड़ों व दलितों को शूद्र मानते हैं। उनको यह तकलीफ है कि हम उनके धार्मिक स्थानों पर गुरुओं, संतों का आशीर्वाद लेने के लिए क्यों जा रहे हैं?
उन्होंने कहा कि मुझे पीतांबरा माता के महायज्ञ में बुलाने वालों को भाजपा व आरएसएस की तरफ से धमकी मिल रही हैं। बीजेपी ने यहां गुंडे भेजे थे जो काला झंडा लेकर विरोध कर रहे थे, जिससे मैं कार्यक्रम में न जा पाऊं, लेकिन हम समाजवादी लोग हैं गुंडों से घबराने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि धर्म के कार्यक्रम में आ रहा हूं तो बीजेपी के लोग क्या गुंडई करेंगे? उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यक्रम स्थल पर पुलिस व प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था। पुलिस, प्रशासन को रात में ही हटा दिया गया
उधर, स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे। वह अपने स्टैंड पर कायम हैं. रामचरितमानस में जो कहा गया है वह देश के दलितों,, पिछड़ों, आदिवासियों का अपमान है। रामचरितमानस से उस दोहे को हटाना चाहिए। भूपेंद्र चौधरी माफी मांगने को कह रहे हैं लेकिन वो हमारी पार्टी के नेता नहीं हैं। समाजवादी पार्टी के जो नेता माफी मांगने को कह रहे हैं वह जाति विशेष के लोग हैं। मैं आज भी अपने सच के साथ खड़ा हूं।