कोविड हॉस्पिटल सैनी हार्ट केयर में कोरोना मरीज की मौत के बाद हुए बवाल के प्रकरण में अब पुलिस ने मृतक मरीज एनके गुप्ता के पुत्र मनोज गुप्ता की ओर से मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें डॉ0 देवेन्द्र सैनी, उनके भाई मनीष सैनी तथा स्टाफ को आरोपी बनाया गया है। मुकदमे का पूरा विवरण आप नीचे दी गई एफआईआर की तस्वीरों में देख सकते हैं।


इस बीच कोविड हॉस्पिटल सैनी हार्ट केयर में मरीजों से हो रही लूट पर प्रशासन ने नोटिस जारी कर दिया है। हॉस्पिटल से एक मई से अब तक भर्ती हुए मरीजों से लिए गए पैसे का हिसाब किताब मांगा गया है। किस आधार पर पैसा लिया गया यह भी पूछा गया है। जनता में आक्रोश पनपने के बाद आखिरकार प्रशासन भी अब सख्ती के मूड में दिख रहा है। शुक्रवार को सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह ने कोविड हॉस्पिटल को नोटिस जारी कर पूछा है कि वह बताएं कि एक मई से अब तक उनके यहां कितने मरीज आए हैं और उनसे कितना-कितना पैसा लिया गया है।

सिटी मजिस्ट्रेट ने मीडिया को बताया कि हॉस्पिटल से पूरा ब्यौरा मांगा गया है। यह भी पूछा गया है कि मरीजों से जो पैसा लिया गया वह किस आधार पर लिया गया है। बेड, दवा एवं अन्य खर्च किस में दिखाया गया है। पूरा रिकार्ड लेने के बाद उसका मिलान किया जाएगा कि सरकारी नियमों का पालन हुआ है कि नहीं। इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई होगी।

पुरकाजी के भाजपा विधायक प्रमोद ऊटवाल ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मृतक के परिजनों पर मुकदमे की घटना को जिले के इतिहास की शर्मनाक घटना बताया है। उन्होंने आरोपियों और दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है। पत्र में विधायक ने कहा कि जनपद के नई मंडी क्षेत्र के निवासी एनके गुप्ता का निधन कोविड हॉस्पिटल में हुआ है। हॉस्पिटल में 30 घंटे रहने का बिल 70 हजार रुपये वसूल किया गया, जिस पर परिजनों के द्वारा तर्क-वितर्क किया गया, तो स्वयं डॉक्टर के भाई ने मृतक के पुत्र व पौत्र अक्षत व अर्चित को पिस्टल दिखाई ही नहीं, बल्कि फायरिंग कर उन्हें डराने का प्रयास किया।

संभवतः अपने जनपद का यह पहला शर्मनाक इतिहास बना है, जब लोगों को जीवन देने वाले डॉक्टर उपचार देने के बजाए पिस्टल चलाते देखे गए। ज्यादा अफसोस की बात यह है कि प्रशासन द्वारा डॉक्टर व डॉक्टर के भाई के विरुद्ध अभी तक कोई कार्यवाही न किये जाने के साथ-साथ पीड़ित पक्ष के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पीड़ितों के खिलाफ दर्ज किया गया मुकदमा वापस हो तथा हॉस्पिटल संचालकों द्वारा चलाए गए शस्त्र के निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाए, जिससे कि पीड़ितों को उचित न्याय मिल सके। उन्होंने मुख्यमंत्री से मामले का स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई की मांग की है।