मुजफ्फरनगर। ग्रामीण भारत के उत्थान और किसान एवं कामगारों के हक और हकूक के लिए संघर्षशील चौधरी साहब की धरती पुत्र की छवि जन मानस में वंदनीय है। ग्रामोत्थान के लिए अशिक्षा का अंधियारा मिटाने में जुटे स्वामी कल्याणदेव से बड़े चौधरी की गहरी आत्मीयता बन गई थी। 11 दिसंबर, 1967 की बात है। वीतराग संत के बुलावे पर तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह भोपा क्षेत्र के जनता इंटर कॉलेज पहुंचे। उन्होंने शिक्षा के प्रोत्साहन पर विचार रखें। बीकेडी के कई नेताओं ने मंच से पार्टी के समर्थन में दो शब्द कहने का आग्रह किया, मगर उन्होंने शिक्षा के मंदिर में राजनीति की बात करने से इनकार कर दिया।
शिक्षा ऋषि के परम शिष्य स्वामी ओमानंद बताते हैं कि गुरुदेव के गांव पढ़े और आगे बढ़े के सिद्धांत से चौधरी साहब बेहद प्रभावित थे। 23 मार्च, 1981 को तत्कालीन प्रधानमंत्री दूसरी बार भोपा आए और जनता इंटर काॅलेज में प्रशासनिक भवन तथा विज्ञान संकाय का उद्घाटन किया था। पूर्व प्रधानाचार्य महावीर सिंह राठी के मुताबिक बड़े चौधरी उसूलों के पक्के थे। डिग्री कॉलेज की मान्यता की अधूरी पत्रावली के चलते उन्होंने बिना लाग-लपेट कहा था कि पहले मानक पूरे करो, तभी शिलान्यास करूंगा। वैदिक संस्कार चेतना अभियान संयोजक आचार्य गुरुदत्त आर्य कहते है कि चौधरी साहब वर्षों आर्य समाज, गाजियाबाद से जुड़े रहे और वैदिक संस्कृति के पोषक थे।
शिक्षण संस्थाओं में चौधरी साहब का अहम योगदान
शुकदेव आश्रम में रखी हैं किसान मसीहा की चिट्ठियां
श्री शुकदेव आश्रम स्थित स्वामी कल्याणदेव संग्रहालय में चौधरी चरण सिंह की चिट्ठियां मौजूद हैं। चौधरी साहब जब विधानसभा में विरोधी दल के नेता थे, उन्होंने वीतराग संत के पत्र के जवाब में 31 जुलाई, 1976 को चिट्ठी लिखी और अपनी राजनीतिक दृढ़ता का परिचय दिया।
उन्होंने इंदिरा गांधी के साथ सियासी समझौते के प्रस्ताव से इन्कार करते हुए वह वजह भी शिक्षा ऋषि को खत में लिखी थी। शुकदेव आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद बताते हैं कि गुरुदेव स्वामी कल्याणदेव ने तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह के सम्मुख दलित विद्यार्थियों के लिए छात्रावास की दिक्कत रखी।
चौधरी साहब ने तत्काल समाज कल्याण निदेशालय को निर्देश दिया और बजट आवंटित कर दिया। सीमित समय में मुजफ्फरनगर रेलवे लाइन के पास दलित छात्रावास की स्थापना हुई, जहां फिलहाल भी दूर-दराज के दलित छात्र आवासीय रहकर पढ़ाई कर रहे है। पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज कहते है कि किसानों के सच्चे हितैषी, समाज सुधारक, युग पुरुष पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के सच्चे पात्र हैं।