मार्च, 2021 को केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍य मंत्री अशि्‍व‍नी चौबे ने सदन में बताया कि‍ सरकार ने राज्‍यों और केंद्र शासि‍त प्रदेशों को टीका बनाने वाली कंपनि‍यों से सीधी खरीद का कोई करार करने से मना कि‍या है। लेकि‍न, 19 अप्रैल को केंद्र सरकार ने फैसला बदल लि‍या। मोदी सरकार ने कहा कि‍ राज्‍य अब कंपनि‍यों से सीधे टीका खरीदें। इसके लि‍ए केंद्र सरकार ने कोटा भी तय कर दि‍या और कंपनि‍यों को राज्‍य सरकारों व नि‍जी अस्‍पतालों के लि‍ए अलग-अलग कीमत तय करने की भी छूट दे दी। कंपनि‍यां जो टीका केंद्र को 150 रुपए में दे रही हैं, वही टीका राज्‍य सरकारों को 400 रुपए में दे रही हैं। यह हाल तब है, जब केंद्र ने टीका वि‍कसि‍त करने के लि‍ए कि‍सी कंपनी को कोई अनुदान नहीं दि‍या है। यह बात सरकार ने खुद कोर्ट में हलफनामा देकर मानी है।

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केंद्र सरकार ने मुफ्त टीका लगाने की योजना भी सीमि‍त कर दी और कहा कि‍ अब केवल सरकारी अस्‍पतालों में मुफ्त टीका लगेगा। ऐसे में राज्‍यों के ऊपर बोझ पड़ा और राज्‍यों ने ग्‍लोबल टेंडर के जरि‍ए टीके की उपलब्‍धता सामान्‍य करने की पहल की। पर, हालत यह है कि‍ टेंडर के जवाब में सप्‍लाई के लि‍ए कोई कंपनी आगे ही नहीं आ रही। बीएमसी ने 12 मई को एक करोड़ टीके की सप्‍लाई के लि‍ए ग्‍लोबल टेंडर नि‍काला। आखिरी तारीख (18 मई) तक जब सकारात्‍मक जवाब नहीं आया तो समय-सीमा एक हफ्ते के लि‍ए बढ़ानी पड़ी।

टीका तुम्‍हारा, नि‍यंत्रण हमाराः केंद्र सरकार पर्याप्‍त टीके का इंतजाम नहीं कर पा रही, राज्‍यों को खरीद के पैसे भी नहीं दे रही, लेकि‍न खरीद पर नि‍यंत्रण जरूर बनाए हुए है। केंद्र ने 9 मई, 2021 को सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि‍ वह कंपनि‍यों के साथ मि‍लकर तय करती है कि‍ कौन सा राज्‍य कि‍तने टीके खरीदेगा। केंद्र हर राज्‍य को महीने का कोटा लि‍ख कर देता है। इसमें तय संख्‍या से ज्‍यादा टीका राज्‍य सरकारें नहीं खरीद सकतीं।

व्‍यवस्‍था सीधी रखी जा सकती है। कंपनि‍यां पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर ऑर्डर पूरी करें। लेकि‍न, पर्याप्‍त उत्‍पादन हुए बि‍ना यह मुशि्‍क‍ल है। भारत में अभी दो कंपनि‍यां टीके बना रही हैं- सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंड‍यि (एसआईआई) और भारत बायोटेक। अभी सीरम करीब छह करोड़ और भारत बायोटेक डेढ़ करोड़ डोज हर महीने बना पा रही है। केंद्र ने तय कि‍या है कि‍ इनके उत्‍पादन का आधा वह खुद खरीदेगी। आधे में बराबर-बराबर राज्‍य सरकारों और नि‍जी क्षेत्र (अस्‍पतालों) को खरीदने की अनुमति‍ है। यानि‍, राज्‍य सरकारें कुल उत्‍पादन में से 25 फीसदी ही खरीद सकती हैं। इस 25 फीसदी में अलग-अलग राज्‍यों का कोटा तय होता है, जो केंद्र सरकार तय करती है। जानिए प्राईवेट अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन के लिए वसूली जा रही है कितनी रकम, नीचे क्लिक कर अगले पेज पर जाएं