20 मई के आंकड़ों के मुताबि‍क कुल 44,629 में से केवल 1304 ही नि‍जी टीकाकरण केंद्र हैं। लेकि‍न, इनके लि‍ए टीका खरीद का कोटा राज्‍य सरकारों के बराबर (25 फीसदी) रखा गया है। निजी अस्‍पताल हजार से 1200 रुपए में टीका लगा रहे हैं। करीब दोगुना फायदा ले रहे हैं। यानि‍, 25 फीसदी टीका पर इनके लि‍ए दोगुना फायदा कमाने का अवसर है और राज्‍य सरकारों के लि‍ए टीके का कोटा कम पड़ रहा है। उन्‍हें ग्‍लोबल टेंडर नि‍कालना पड़ रहा है।

8 अप्रैल, 2021 को नरेंद्र मोदी ने टीका उत्‍सव मनाने का ऐलान कि‍या था, लेकि‍न उत्‍सव मनाने के लि‍ए पर्याप्त संख्या में टीके थे ही नहीं। 18 मई को उन्‍होंने कहा कि‍ टीके की सप्‍लाई बढ़ाने के लि‍ए बहुत बड़े पैमाने पर न‍रिंतर कोशि‍श की जा रही है। कोशि‍श का नतीजा कब तक दि‍खेगा, यह आने वाले समय में पता चलेगा।

वि‍देश में सलाह दी, अपने यहां अमल नहींः 2020 में दो अक्‍टूबर को भारत ने वि‍श्‍व व्‍यापार संगठन में अपील की थी कि‍ टीका बनाने वाली कंपनि‍यां पेटेंट का अधि‍कार छोड़ दें, ताकि‍ दूसरी कंपनि‍यां भी टीका बना सकें और इसकी पर्याप्‍त उपलब्‍धता जल्‍दी सुनि‍शि्‍च‍त की जा सके। लेकि‍न, देश में केंद्र सरकार ने भारत बायोटेक के पेटेंट का अधि‍कार (जो भारत सरकार साझा करती है) दूसरी कंपनि‍यों को नहीं दि‍या।

नि‍ति‍न गडकरी ने 18 मई को स्‍वदेशी जागरण मंच के एक कार्यक्रम में यह सुझाव दि‍या कि‍ टीके का उत्‍पादन बढ़ाने के लि‍ए अन्‍य कंपनि‍यों से पेटेंट साझा कि‍या जाए। हालांकि‍, बाद में उन्‍होंने सफाई दी कि‍ इस दि‍शा में सरकार में पहल शुरू हो चुकी है। लेकि‍न, यह पहल कब शुरू हुई है और कब तक पूरी होगी, इस बारे में पुख्‍ता जानकारी नहीं है। हालांकि‍, गडकरी ने सुझाव देते हुए कहा था कि‍ यह 15-20 दि‍न में हो सकता है। जानिए क्या है टीका बनाने वाली सरकारी कंपनियों के हालात, नीचे क्लिक कर अगले पेज पर जाएं ओर पढें पूरी खबर