सरकारी कंपनि‍यां अब तक सीन में नहींः भारत सरकार की तीन कंपन‍यिं हैं जो टीका बनाती हैं। इनके नाम हैं- हैफक‍नि बायोफार्मास्‍यूट‍किल कॉर्पोरेशन लि‍मि‍टेड (एचबीसीएल), इंडि‍यन इम्‍यूनोलॉज‍किल्‍स लि‍मि‍टेड (आईआईएल) और भारत इम्‍यूनोलॉज‍किल एंड बायोलॉजि‍कल्‍स कॉर्पोरेशन लि‍मि‍टेड (बीआईबीसीओएल)। कोरोना टीकाकरण सीन से ये कंपनि‍यां अब तक गायब थीं। हालांकि‍, 15 मई को सरकार ने बताया है कि‍ इन कंपनि‍यों को टीका बनाने के लि‍ए तैयार कि‍या जा रहा है।

एक और देरीः सीरम इंस्‍टीट्यूट के अदार पूनावाला ने सि‍तंबर 2020 में ही साफ कर दि‍या था कि‍ भारत सरकार को देश में सभी का टीकाकरण करने के लि‍ए एक साल में 80000 करोड़ की जरूरत होगी। लेकि‍न, सरकार की ओर से तब इस दि‍शा में कोई खास पहल नहीं की गई। अंत तक सीरम और भारत बायोटेक के भरोसे ही रही सरकार। लेकि‍न, जब टीके की भारी कि‍ल्‍लत का शोर मचा तो सरकार ने अन्‍य कंपनि‍यों की ओर भी देखना शुरू कि‍या।

रूस की स्‍पूतन‍किट को मंजूरी दी और फाइजर, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपन‍यिं से भी संपर्क साधा। लेकि‍न, इन कंपन‍यिं ने सरकार से बात तक करने से मना कर दि‍या और कहा कि‍ अक्‍तूबर से पहले तो वे बात करने की सि्‍थ‍ति‍ में भी नहीं हैं। टीके की उपलब्‍धता तो कम है ही, जि‍तना उपलब्‍ध है वह भी लोगों को तेजी से नहीं लगाया जा पा रहा है। 20 मई (शाम साढ़े चार बजे तक) को कोवि‍ड डैशबोर्ड के आंकड़े के मुताब‍कि, देश में केवल 44,629 केंद्रों पर टीकाकरण कि‍या जा रहा है। इनमें से 1304 प्राइवेट सेंटर्स हैं। 21 मई तक कुल 4,12,27,661 लोगों का ही पूर्ण टीकाकरण (दोनों डोज) हुआ है। जानिए टीकाकरण की बिना तैयारी ऐलान से कैसे मची अफरातफरी? नीचे क्लिक कर अगले पेज पर जाएं ओर पढें पूरी खबर