मुजफ्फरनगर। शहर कोतवाली के एक निजी स्कूल में 16 माह पहले कक्षा तीन की मासूम छात्रा (9) के साथ दरिंदगी करने वाले दो बुजुर्ग शिक्षकों को अदालत ने 20-20 साल कैद की सजा सुनाई है।

विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार शर्मा और मनमोहन वर्मा ने बताया कि दो मार्च 2022 को शहर के इस चर्चित मामले में शिक्षक राजकुमार शर्मा (72) और उदयपाल (65) ने दरिंदगी की थी। तीन मार्च को दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।

प्रकरण की सुनवाई विशेष अपर सत्र न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) के पीठासीन अधिकारी बाबूराम ने की। मंगलवार को दोषी पाए गए दोनों शिक्षकों को 20-20 साल कारावास और 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। दोषी राजकुमार शर्मा सरकारी स्कूल से सेवानिवृत्त होकर अपने निजी स्कूल का संचालन करने साथ ही उसमें अध्यापन भी कर रहा था। दूसरा दोषी उदयपाल अध्यापन करता था।

मुजफ्फरनगर। स्कूल में कक्षा तीन की छात्रा के साथ दरिंदगी प्रधानाचार्य राजकुमार शर्मा ने की और शिक्षक उदयपाल धीमान चुप्पी साध गए। पीडि़ता ने अदालत में दोनों शिक्षकों की करतूत उजागर की। मेडिकल रिपोर्ट से सच साबित किया, जिसकी बदौलत 15 महीने 18 दिन में दोनों दोषियों को सजा हुई। अधिवक्ता राकेश कश्यप ने पीडि़त पक्ष से बिना कोई फीस लिए केस की पैरवी की और दोषियों को सजा दिलाई।

वारदात दो अप्रैल 2022 को हुई थी। पीडि़ता तीन अप्रैल को स्कूल नहीं पहुंची तो दोषी नया बांस निवासी प्रधानाचार्य राजकुमार शर्मा ने उसके घर कॉल कर माफी मांगी थी। पीडि़त परिवार ने हौंसला दिखाते हुए बेटी को इंसाफ दिलाने की ठानी। पुलिस की केस डायरी में लिखा गया है कि प्रधानाचार्य ने जब कक्षा तीन की छात्रा के साथ हरकत की तो रामपुरी निवासी शिक्षक उदयपाल धीमान भी मौजूद था, लेकिन उसने विरोध नहीं किया। सह अभियुक्त ने चुप रहकर मुख्य अभियुक्त का साथ दिया। दोनों दोषियों ने ट्रायल के दौरान दो बार जमानत अर्जी दाखिल की, लेकिन दोनों बार ही अदालत ने खारिज कर दी। हाईकोर्ट से भी दोनों को राहत नहीं मिली।

पीडि़ता के पिता ने कहा कि हमें अदालत पर पूरा भरोसा था। ऐसे गुनहगारों को जेल की सलाखों के पीछे ही रहना चाहिए।

वादी के अधिवक्ता राकेश कश्यप ने बताया कि अभियोजन की ओर से पीडि़ता समेत छह गवाह पेश किए गए। पीडि़ता की गवाही और मेडिकल रिपोर्ट ने दोषियों को सजा तक पहुंचाया।

सजा के बाद अदालत से जेल जाने के दौरान दोनों दोषी शिक्षक कैमरों से मुंह छिपाते और घुमाते रहे। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया।

मुजफ्फरनगर। दोषी प्रधानाचार्य राजकुमार शर्मा बच्चों को पढ़ाई के बहाने अपने कक्ष में बुलाता था। वारदात के दिन कक्षा तीन की छात्रा को बुलाया गया और उसके साथ गलत हरकत की।