मुज़फ्फरनगर : अमेरिका से वापस भारत भेजे गए पुरकाजी क्षेत्र के भदौली निवासी देवेंद्र विर्क ने बताया कि अमेरिका में घुसे लोगों के लिए कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में सेंटर बनाया गया है।

कैलिफोर्निया से अमृतसर तक लाए गए 104 भारतीयों का चार दिन का सफर टूटे ख्वाबों पर आंसू बहाते हुए कटा। हाथों में हथकड़ी लगी थी। अमेरिकी सेना के विमान को रास्ते में दो जगह उतारा भी गया। अमृतसर में उतरने के बाद ही लोगों को पता चला कि वह स्वदेश पहुंच गए हैं, इससे पहले कोई जानकारी नहीं दी गई थी।

पुरकाजी क्षेत्र के भदौली के मजरा मारकपुर के देवेंद्र विर्क बताते हैं कि अमेरिका में घुसे लोगों के लिए कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में सेंटर बनाया गया है। दो फरवरी को 104 लोगों के हाथों में हथकड़ियां लगाकर विमान में सवार किया गया था। किसी को नहीं बताया कि कहां ले जा रहे हैं।

विमान में सवार महिलाएं, बच्चे और अन्य लोग रोते रहे। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जिसकी आंखों से आंसू न निकले हों। अपने साथ हुई ठगी का अफसोस रहा था, साथ में भविष्य की चिंता पर सवाल रहे। यात्रियों ने आपस में बहुत ज्यादा बातें नहीं कीं।

अमेरिका से आए अवैध प्रवासी भारतीय देवेंद्र विर्क का कहना है कि जिस जगह उन्हें रखा गया था, वहां पर दुनियाभर के अलग-अलग देशों के दो हजार लोग ओर भी हैं। अभी भारत में पहली फ्लाइट आई है, जल्दी ही दूसरी और तीसरी फ्लाइट भी आने की संभावना है। वहां कमरों में 50-60 लोगों को एक साथ रखा जा रहा है।

देवेंद्र विर्क ने बताया कि कैलिफोर्निया में रखे गए लोगों का सारा सामान सेना ने कब्जे में ले लिया था। बेहद सर्दी होने के कारण परेशानी झेली। इसके बाद दो से पांच फरवरी तक विमान यात्रा के दौरान खाने में सिर्फ चिप्स या अन्य हल्का नाश्ता प्रत्येक दो घंटे बाद दिया गया।

पुरकाजी क्षेत्र के भदौली के मजरा मारकपुर के देवेंद्र विर्क दसवीं पास हैं। अमेरिका में ड्राइवर बनकर मोटी कमाई करने के लिए उनकी यात्रा 29 नवंबर 2024 को शुरू हुई थी और पांच फरवरी की रात घर वापसी के बाद समाप्त हुई। मैक्सिको के रास्ते कैलिफोर्निया में प्रवेश किया, जिसके बाद सेना ने उन्हें पकड़ लिया था।