मेरठ. बरसात शुरू होते ही बुखार व डायरिया बढ़ने लगा है। वायरस, बैक्टीरिया एवं फंगस के बढ़ने से संक्रमण उफान पर है। ओपीडी में पहुंचने वाले ज्यादातर मरीज बुखार से पीड़ित हैं, जबकि जांच में अलग बीमारियां मिलीं।
मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. स्नेहलता ने बताया कि बारिश में नए माइक्रोआर्गनिज्म तेजी से बढ़ते हैं। बैक्टीरिया, वायरस, फंगस, अमीबा, प्रोटोजोआ संक्रमण की वजह बन रहे हैं। जलजमाव से मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा है।
मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने बताया कि एक जुलाई से संचालित संचारी रोग नियंत्रण अभियान में बड़ी संख्या में मरीजों की जांच की गई। लक्षण एक होने के बावजूद जांच में अलग-अलग बीमारियां मिलीं। 15 जुलाई से आंगनावाड़ी कार्यकत्रियां घर-घर जाएंगी, जहां लक्षणों के आधार पर मरीजों की नए सिरे से जांच होगी।
मौसम में बदलाव से बच्चों में वायरल बुखार, उल्टी, डायरिया, पीलिया, खांसी व जुकाम ज्यादा मिल रहा है। बारिश में वायरस, फंगस व बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं। बच्चों को मास्क लगाएं, ये कई प्रकार के वायरस से भी बचाएगा। पानी उबालने के बाद ठंडा कर पिलाएं।