मुजफ्फरनगर। वार्ड 41 से जिला पंचायत सदस्य पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप लगाते हुए नई मंडी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। मखियाली गांव के एक व्यक्ति ने इस संबंध में डीएम से शिकायत की थी। डीएम ने जांच कराई तो फर्जीवाड़े का मामला सामने आया। नई मंडी पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य और उसके देवर के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। विपक्ष के जिला पंचायत सदस्य के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट होने पर सपा और रालोद के नेताओं ने आक्रोश जताते हुए डीएम और एसएसपी कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
पंचायत चुनाव में जिला पंचायत का वार्ड 41 पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुआ था। चुनाव में मखियाली निवासी जरीन पत्नी शाहनवाज वार्ड 41 से विजयी हुई। इसी वार्ड से मखियाली निवासी नरेश देवी ने भी चुनाव लड़ा, लेकिन वह चुनाव में हार गई। जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने वाली नरेश देवी के बेटे गौतम ने जरीन पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों से शिकायत की थी। गौतम का आरोप था कि जरीन ने नामांकन के दौरान अपनी जाति अंसारी बताई थी।
अंसारी जाति का प्रमाणपत्र सदर तहसीलदार द्वारा जारी किया गया, जबकि जरीन की असल जाति सैय्यद है जो सामान्य जाति में आती है। आरोप है कि जरीन ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी कर अंसारी जाति का प्रमाणपत्र बनवाया है। गौतम की शिकायत पर जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने मामले की जांच कराई तो फर्जीवाड़े का मामला सामने आया। जांच के बाद जरीन पत्नी शाहनवाज और उसके देवर नियाज पुत्र अब्बास निवासीगण मखियाली के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। नई मंडी कोतवाली प्रभारी अनिल कपरवान ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
जिला पंचायत की वार्ड 41 से सदस्य निर्वाचित हुई जरीन पत्नी शाहनवाज के खिलाफ नईमंडी थाने पर दर्ज कराई गई रिपोर्ट से विपक्षी दलों के नेताओं ने आक्रोश जताया है। रालोद जिलाध्यक्ष अजित राठी व सपा के जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी के नेतृत्व में सपा व रालोद कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया और एक ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह को सौंपा। सपा व रालोद नेताओं का कहना है कि जरीन वार्ड 41 से जिला पंचायत के चुनाव में सदस्य निर्वाचित हुई है। वह तहसील द्वारा जारी वैध प्रमाण पत्र को लगाकर पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित सीट से विजयी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने उस पर अपने पक्ष में वोट देने का दबाव बनाया।
जरीन पत्नी शाहनवाज के दबाव नहीं मानने पर भाजपा नेताओं के इशारे पर उसके व देवर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने ज्ञापन में उक्त फर्जी मुकदमे को तत्काल समाप्त करने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में सपा व रालोद जिलाध्यक्ष के अलावा वरिष्ठ नेता राकेश शर्मा, पूर्व विधायक अनिल कुमार, गौरव जैन, जिला कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल, रालोद के प्रदेश महासचिव सुधीर भारतीय, साजिद हसन, डा.नूर हसन, जिला महासचिव जिया चौधरी आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
जिला पंचायत के वार्ड 41 से निर्वाचित सदस्य जरीन के पिछड़ा वर्ग के प्रमाण पत्र के बारे में की गई शिकायत पर जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने सदर तहसील से जांच कराई थी। जांच में पाया गया कि जरीन व उसके परिजनों ने झूठे तथ्य देकर उक्त प्रमाणपत्र को बनवाया। सदर एसडीएम दीपक कुमार ने बताया कि उन्होंने पहले ही जांच कराकर डीएम कार्यालय को प्रमाणपत्र निरस्त करने की संस्तुति कर दी है। माना जा रहा है कि जिला पंचायत चुनावों से पूर्व इस पर निर्णय हो सकता है और जरीन को जिला पंचायत चुनावों में चुनाव अधिकारी द्वारा वोटर लिस्ट पर आपत्ति आने के बाद वोट देने से रोका भी जा सकता है। हालांकि नियमानुसार किसी प्रमाणपत्र को निरस्त करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति विचार करती है। इस समिति में डीएम के अलावा एडीएम प्रशासन और पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी सदस्य हैं। हालांकि सदर तहसील से निरस्तीकरण की संस्तुति आने के बाद इस प्रमाणपत्र के निरस्त करने के लिए फाइल भी तैयार है। केवल समिति की बैठक डीएम की अध्यक्षता में नियमानुसार होनी है।