पटना। सिलेंडर वाली रसोई गैस बेहद सुविधाजनक ईंधन है। इसका इस्तेमाल कर खाना बनाना आसान है। लेकिन, अगर आप रसोई गैस के इस्तेमाल में लापरवाही बरतते हैं, तो यह उतना ही खतरनाक भी साबित हो सकता है। अगर आप नियमों की अनदेखी करते हैं तो जान भी गंवानी पड़ सकती है। लिहाजा तेल एवं गैस कंपनियों की गाइडलाइन का पालन जरूर करना चाहिए। दुर्घटना की स्थिति में बीमा कवर का भी लाभ उपभोक्ताओं को लेना चाहिए।
एलपीजी सिलेंडर के इस्तेमाल में इन चीजों का रखें ध्यान
एलपीजी सिलेंडर सीधा खड़ा रखें।
सिलेंडर के उपयोग के समय अन्य ज्वलनशील वस्तुओं का उपयोग न करें।
गर्म बर्तन को चिमटे से ही पकड़ें।
गैस चूल्हा सिलेंडर से कम से कम छह इंच ऊपर रखें।
पहले माचिस की तीली जलाएं फिर गैस आन करें।
चूल्हे को ऐसी जगह रखें जहां सीधी हवा न आए।
भोजन बनाते समय सूती वस्त्र ही पहनें और चूल्हे को छोड़कर दूसरी जगह न जाएं।
हर पांच साल में सुरक्षा हौज जरूर बदलें।
रिसाव महसूस होने पर ये सभी काम जरूर करें
रेग्यूलेटर हटाकर सेफ्टी कैप लगाएं और सिलेंडर को खुले में रख दें।
एलपीजी वितरक से अथवा 1906 नंबर पर संपर्क करें।
बिजली के स्वीच से किसी तरह की छेड़छाड़ न करें।
खिड़की -दरवाजे पूरी तरह खोल दें।
नुकसान की स्थिति में लें क्षतिपूर्ति
इंडियन आयल कारपोरेशन के डिविजनल एलपीजी हेड राहुल दीक्षित ने कहा कि एलपीजी से हादसे की स्थिति में बीमा कवर के तहत क्षतिपूर्ति मिलती है। मौत के अलावा घायल होने पर भी बीमा से क्षर्तिपूर्ति का लाभ मिलता है। यह सिर्फ वैध कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को ही मिलता है। कुछ अन्य शर्तें भी होती हैं। बिहार एलपीजी वितरक संघ के महासचिव डाक्टर रामनरेश सिन्हा ने कहा कि हादसे से हुए नुकसान के आकलन के आधार पर बीमा की राशि मिलती है। यह अधिकतम 10 लाख रुपये होती है।