मुजफ्फरनगर। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लेने से मुजफ्फरनगर जनपद में भाकियू कार्यकर्ता थानों के घेराव को निकल पड़े। जनपद के अधिकांश थानों में भाकियू कार्यकर्ता एकत्रित होकर धरने पर बैठ गए, लेकिन कुछ देर बाद ही राकेश टिकैत को छोड़ने की सूचना मिली तो किसान मान गए और थानों से वापस लौट आए। इसके बाद ही मामला शांत हुआ।
टिकैत की गिरफ़्तारी की खबर से मुज़फ्फरनगर में गर्माया माहौल, भीड़ ने थाना घेरा @RakeshTikaitBK @OfficialBKU @Kisanektamorcha #rakeshtikait #FarmersProtest #Muzaffarnagar pic.twitter.com/QOxrqjQ5Pc
— ASB NEWS INDIA (@asbnewsindia) August 21, 2022
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत रविवार को दिल्ली में जंतर मंतर पर आयोजित बेरोजगार युवकों के धरना प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे थे। गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली में प्रवेश करते ही दिल्ली पुलिस ने राकेश टिकैत व उनके साथ गाड़ी में मौजूद पदाधिकारियों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लेते ही राकेश टिकैत का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो मुजफ्फरनगर के भाकियू कार्यकर्ताओं में रोष फैल गया है। पदाधिकारियों ने थानों का घेराव करने का आह्वान किया। तुरंत ही जिले के कार्यकर्ता थानों की और कूच करने लगे।
सिसौली व क्षेत्र के किसानों में भी रोष फैल गया। क्षेत्र के किसान किसान भौराकला थाने पर एकत्रित हो गए। ट्रैक्टर ट्रालियों से भी किसान पहुंचे। किसानों ने भौराकला थाने में रणसिंघा बजा दिया। रणसिंघे से पूरा थाना परिसर गूंज उठा। भाकियू के जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने बताया किया मुजफ्फरनगर शहर कोतवाली, पुरकाजी, चरथावल, जानसठ, ककैराली, खतौली आदि थानों में भाकियू कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। कुछ देर बाद जैसे दिल्ली पुलिस द्वारा राकेश टिकैत को छोड़ देने का पता लगा तो किसानों ने धरना समाप्त कर दिया। अभी किसानों का थानों में पहुंचने का क्रम जारी ही था कि राकेश टिकैत को छोड़ने का पता लगने किसान वापस लौट आए। इसके बाद ही मामला शांत हुआ।
राकेश टिकैत रिहा, छूटते ही लोगों से की ये अपील, देखें वीडियो @RakeshTikaitBKU @OfficialBKU @Kisanektamorcha #rakeshtikait #FarmersProtest #DelhiPolice pic.twitter.com/ic2mlLBlZO
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भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने राकेश टिकैत के हिरासत में लेने पर कहा है कि सरकार खुद ही अपनी जग हंसाई करा रही है। राकेश टिकैत लखीमपुर खीरी की पंचायत कर वापस लौट रहे थे। रास्ते में दिल्ली एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे थे और उन्हें वहां से फिर मुजफ्फरनगर लौटना था। ऐसे में सरकार को क्या दिक्कत आन पड़ी कि राकेश टिकैत को पहले गिरफ्तार करना पड़ा और फिर छोड़ना। सरकार की नीति समझ से परे है। सरकार बार-बार किसानों को उकसा रही है यह सरकार की सेहत के लिए अच्छा नहीं है।
एक वीडियो संदेश में राकेश टिकैत ने कहा कि क्या दिल्ली में किसानों का प्रवेश बैन है? उन्होंने कहा कि क्या कोई हरा गमछा और चद्दर ओढ़कर दिल्ली में जा नहीं सकता? राकेश टिकैत ने वीडियो संदेश में बताया है कि वो जंतर-मंतर में हो रहे आंदोलन में जा रहे थे। वहां बेरोजगारी पर आंदोलन चल रहा था। वो कोई भी पॉलिटिकल आंदोलन नहीं है और ना ही हमारे बैनर में हो रहा है। सरकार के इशारे पर काम कर रही दिल्ली पुलिस किसानों की आवाज को नहीं दबा सकती। यह गिरफ्तारी एक नई क्रांति लेकर आएगी। मेरा किसानों के लिए संघर्ष अंतिम सांस तक जारी रहेगा। हम ना रुकेंगे, हम ना थकेंगे और ना ही हम झुकेंगे।