मुजफ्फरनगर। जिला कृषि एवं औद्योगिक पदर्शनी के टेंडरों को छोड़ने की प्रक्रिया बोली दाताओं के पूल से खटाई में पड़ गई। मुख्य ठेके झूले और पार्किंग की बोली मात्र 69 लाख तक ही पहुंची। फिलहाल प्रशासन ने ठेका छोड़ने की घोषणा नहीं की है।

कलेक्ट्रेट के सभागार में दोपहर से ही नुमाइश के टेंडरों को लेकर चहल-पहल दिखाई दी। प्रशासन ने जो टेंडर डलवाए उसमें 69 लाख की सबसे ज्यादा रकम मिली। सिटी मजिस्ट्रेट अनूप कुमार ने जब खुली बोली शुरू कराई तो उसमें भी इससे आगे कोई सा ठेकेदार नहीं बढ़ा। बोली दाताओं से सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि इस पूरे मामले को डीएम के सामने रखेंगे जो निर्णय लेना है वही लेंगे। इसी के साथ कोल्ड ड्रिंक का ठेका लेने कोई नहीं आया। सर्दी होने के कारण इस पर ध्यान नहीं दिया गया, इससे पहले प्रशासन को इसमें सवा लाख रुपये मिल जाते थे। इसी तरह साउंड विज्ञापन का ठेका जो दो लाख में जाता था, उसका एक लाख तक का टेंडर ही आया। बिजली डेकोरेशन का ठेका 1.25 लाख का पहले था अब भी इतने का ही आया। कुल 14 टेंडर होने थे, जिनमें चार टेंडर नुमाइश की आय के होते हैं और दस खर्च के होते हैं। फिलहाल खर्च वाले टेंडर भी रोक लिए गए हैं।

बोली कम आई है
एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया में मुख्य बोली झूला और पार्किंग की होती है, जो काफी कम आई है। प्रक्रिया को दोबारा हो सकती है।