नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में गुरुवार (26 दिसंबर) को निधन हो गया। उनकी आयु-संबंधी चिकित्सा स्थितियों का उपचार किया जा रहा था और 26 दिसंबर 2024 को घर पर ही उन्हें अचानक बेहोशी आ गई। घर पर तुरन्त उन्हें बचाने के उपाय शुरू किए गए। रात 9:51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। भारत सरकार ने आज (27 दिसंबर) के लिए निर्धारित सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।

बीएमडब्ल्यू नहीं मारुति 800 से चलना था पसंद
असीम अरुण ने लिखा “मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है – क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा। ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी थी मेरी।

डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी – मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति)। मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है। लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है। करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है।”

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नहीं रहे। 26 सितंबर 1932 को जन्मे सिंह ने राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उन्होंने अंतिम सांस ली। ह 92 वर्ष के थे। उन्हें देश में हुए आर्थिक सुधारों का सबसे बड़ा सूत्रधार माना जाता था। साल 1991 में उन्होंने तत्कालीन पीएम पीवी नरसिम्हा राव की अगुवाई वाली सरकार में वित्त मंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी।

पंजाब यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स डिग्री और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट हासिल करने वाले सिंह की पारी की शुरुआत 1971 में हुई थी। उन्होंने तब तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी सरकार में विदेश व्यापार मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार का पद संभाला था। इसके एक साल बाद ही उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया था। वह इस पद पर साल 1976 तक रहे।

1976 से 1980 के बीच वह RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक समेत कई अहम पदों पर रहे। साल 1982 में उन्हें आरबीआई का गवर्नर नियुक्त किया गया था। वह इस पद पर 1985 तक रहे। साल 1991 में राव सरकार के दौरान उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया था। खास बात है कि जब उन्हें वित्त मंत्री के तौर पर चुना गया था, तब वह संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। अक्तूबर 1991 में उन्हें पहली बार राज्यसभा सदस्य चुना गया था। इसके बाद वह लगातार 5 बार असम से राज्यसभा सांसद बने।

सिंह की राजनीतिक पारी का अंत राज्यसभा सांसद के तौर पर हुआ था। वह 3 अप्रैल को राज्यसभा से रिटायर हुए थे। उनके बाद राजस्थान से कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पहली बार राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया था।

कितनी थी संपत्ति
मीडिया रिपोर्ट्स में सिंह के राज्यसभा चुनाव के समय दाखिल हलफनामे के हवाले से बताया गया है कि उनकी कुल संपत्ति 15.77 करोड़ रुपये की थी और दायित्व निल थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके पास 30 हजार रुपये नकदी और 3.86 लाख रुपये की ज्वेलरी थी। पूर्व पीएम के पास चंडीगढ़ और दिल्ली में अपार्टमेंट्स भी हैं।

साल 2012 में सिंह ने अपनी संपत्ति 10.73 करोड़ रुपये बताई थी। तब चंडीगढ़ और दिल्ली के फ्लैट की मिलाकर कीमत 7.27 करोड़ रुपये थी। साथ ही बैंक और निवेश मिलाकर 3.46 करोड़ रुपये थे। खास बात है कि उन्होंने अपनी संपत्तियों में मारुति 800 को भी शामिल किया था, जो उन्होंने साल 1996 में खरीदी थी। तब उनके पास 150.8 ग्राम सोने की ज्वेलरी भी थी।