मुजफ्फरनगर। जिला पंचायत कार्यालय हापुड़ के कार्य अधिकारी का तबादला कराने के लिए लखनऊ सचिवालय में तैनात आईएएस अधिकारियों के नाम से पांच लाख रुपये ठग लिए गए। रुपये वापस मांगने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई। पीड़ित ने कोर्ट के आदेश पर दिल्ली और देहरादून निवासी दो युवकाें के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
जिला बुलंदशहर के मोहल्ला ननुखा गुलावटी निवासी राजेंद्र सिंह हापुड़ जिला पंचायत कार्यालय में कार्य अधिकारी थे। उनका तबादला 28 जनवरी 2019 को हापुड़ से मैनपुरी हो गया था। मैनपुरी दूर होने के कारण परिवार के लोग परेशान थे और तबादला रुकवाना चाहते थे। इसी दौरान उनके मेरठ निवासी रिश्तेदार के परिचित दिल्ली के यमुना विहार जोहरीपुर निवासी संजय प्रेमी और देहरादून के शिमला बाईपास रोड निवासी ओम प्रकाश उनके संपर्क आए और तबादला रुकवाने का आश्वासन दिया। बताया था कि लखनऊ सचिवालय में आइएएस अधिकारियों से उनके संपर्क है। वह उनके माध्यम से तबादला रुकवा या फिर आसपास जिले में तबादला करा देंगे। इसके लिए आठ लाख रुपये मांगे गए।
राजेंद्र सिंह के मुताबिक दोनों को चार लाख रुपये मेरठ और चार लाख रुपये मुजफ्फरनगर एआरटीओ कार्यालय के बाहर दिए गए। मगर, काफी समय तक भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। इस बाबत पूछने पर आरोपियों ने बताया कि उन्होंने साढे़ सात लाख रुपये सचिवालय में दिए हुए है। शक होने पर पैसा वापस करने का दबाव बनाया गया तो तीन लाख का चेक दिया, जो कैश करा लिया।
आरोप है कि बाकी पांच लाख रुपये वापस मांगने पर धमकी दी जा रही है। कहा जा रहा है कि तीन लाख जो लिए है, उनके बदले दस लाख देने होंगेे। झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जा रही है। पुलिस से शिकायत करने पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद कोर्ट का सहारा लेकर दोनों आरोपियों के खिलाफ पीड़ित के बेटे सुमित ने मुकदमा दर्ज कराया है। मंडी कोतवाली प्रभारी महावीर सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है।