मुजफ्फरनगर। जिले से होकर गुजरने वाले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर मालगाडी का ट्रायल किया गया। इस दौरान मालगाडी करीब 80 किलोमीटर की रफ्तार से दौडी। अब बोर्ड की वरिष्ठ प्रशासनिक समिति जांच-पड़ताल करेगी, जिसके बाद इस ट्रैक पर मालगाडी का सुचारु रूप से संचालन होगा।
उल्लेखनीय है कि रेलवे की महापरियोजना डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर आफ इंडिया ने माल ढुलाई के लिए अलग से ट्रैक बनाया है। जिसको ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर का नाम दिया गया है। यह सोननगर से लेकर लुधियाना के साहनेवाल तक बनाया गया है। सोनगनर से खुर्जा तक कॉरिडोर के ट्रैक पर मालगाड़ी का संचालन हो रहा है।
खतौली से पिलखनी तक ट्रैक का काम 30 सितंबर को पूरा किया गया है। जिस पर इलेक्ट्रिक और डीजल इंजन से परीक्षण के बाद बुधवार को मालगाड़ी दौड़ाकर देखा गया है। साहनेवाल से खुर्जा तक लगभग 389 किलोमीटर तक 46 डिब्बों की खाली मालगाड़ी को 70 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ाया गया है।
ट्रेन सहारनपुर से खतौली करीब सवा चार बजे पहुंची। यहां से मालगाड़ी खुर्जा के लिए मेरठ रवाना हो गई। परीक्षण के दौरान कोई समस्या सामने नहीं आई है। डीएफसीसीआई मेरठ यूनिट के सीजीएम पवन कुमार ने बताया, कि मालगाड़ी का संचालन सफल रहा है। कॉरिडोर की ओर से रेलवे बोर्ड को सफल परीक्षण का प्रमाण-पत्र भेजा जाएगा।
इसके बाद रेलवे बोर्ड की वरिष्ठ प्रशासनिक समिति ट्रैक और सिग्नल, इलेक्ट्रिक व्यवस्था का जायजा लेगी। उसके बाद मालगाड़ी ही मालगाड़ी का संचालन किया जायेगा। बताया गया है कि नवंबर के प्रथम सप्ताह में ट्रेनों का संचालन आरंभ हो सकता है।
ट्रायल में डीएफसीसी आईएल के अंबाला मंडल के महाप्रबंधक पंकज गुप्ता, एसएंड टी देवाशीष, एमपीएम इंजीनियर,जेपीएम उधम सिंह, डिप्टी एपीएम कुलदीप सिंह आदि शामिल रहे।