नई दिल्ली . रिटायरमेंट के बाद सैलरी मिलनी बंद हो जाती है और प्राइवेट नौकरी करने वालों को तो पेंशन भी नहीं मिलती. आजकल तो सरकारी नौकरियों में भी संविदा का चलन बढ़ गया है. ऐसे में रिटायरमेंट के बाद लोग, सोचने लगते है कि जिंदगी कैसे गुजारे? अब घर का खर्च कैसे चलाएं? इन सब परेशानियों को दूर करने के लिए बैंक नई योजना लेकर आए हैं, जिसके तहत आपको अच्छी खासी पेंशन मिल सकती है. जानिए इस योजना के बारे में.
इस स्कीम का नाम है रिसर्व मॉर्गेज लोन स्कीम. इस स्कीम में मकान को बैंक के पास मॉर्गेज रखना होता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि बैंक उसी समय आपके मकान पर कब्जा कर लेगा. मकान आपके ही पास रहेगा. इसके बाद बैंक बुजुर्ग दंपत्ति को गुजारे के लिए हर महीने तय रकम देता रहेगा. इसे आप ऐसे भी समझ सकते है कि ये स्कीम होम लोन से बिल्कुल उल्टी है. होम लोन में आपको हर महीने पैसे जमा करने होते हैं, जबकि इस योजना में बैंक आपको हर महीने पेमेंट करता है.
यह कर्ज उन सीनियर सिटीजन को मिलता है, जिनकी उम्र 60 साल या उससे ज्यादा हो. ये लोन 15 सालों के लिए मिलता है. इस योजना में हर महीने कितना अमाउंट आएगा. ये इस बात पर निर्भर करता है कि गिरवी रखे गए मकान की कीमत क्या है? इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं. अगर मकान की कीमत 25 लाख रुपए है तो इस स्थिति में बैंक 15 सालों तक हर महीने लगभग 5000 रुपए दे सकता है. अगर आपको एकमुश्त राशि की जरूरत पड़ती है तो मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए ली जा सकती है. खास बात यह है कि इस स्कीम में कर्ज लेने के लिए कोई मिनिमम इनकम प्रूफ की जरूरत नहीं होती.
जब दंपत्ति का देहांत हो जाता है तो बैंक उनके बच्चों या कानूनी वारिसों को इस लोन का जमा करने का विकल्प देता है. अगर वे लोन जमा कर देते है तो मॉर्गेज प्रॉपर्टी उन्हें वापस कर दी जाएगी, लेकिन अगर कानूनी वारिस पैसे जमा नहीं करते तो फिर बैंक इस मकान को नीलाम कर देता है और बुजुर्गों को दी गई रकम काटने के बाद बाकी पेमेंट उनके वारिसों को वापस कर दिया जाता है.