
मुजफ्फरनगर। आईपीएल के क्वालिफायर-2 में गुजरात टाइटंस ने मुंबई इंडियंस को हराकर फाइनल में जगह बना ली है। जिले के रोहाना कलां गांव के मोहित शर्मा ने नाजुक मौके पर गुजरात के लिए पांच विकेट लेकर मुंबई को मैच से बाहर कर दिया। शानदार बल्लेबाजी कर रहे सूर्य कुमार यादव को मोहित ने ही क्लीन बोल्ड किया। 2014 में शर्मा ने 23 विकेट लिए थे, जबकि इस बार अब तक 24 विकेट चटका चुके है।
भारतीय टीम के अलावा रणजी ट्राफी में हरियाणा की ओर से खेल चुके मोहित शर्मा को इस बार पूर्व क्रिकेटर आशीष नेहरा की पसंद पर गुजरात टाइंटस में शामिल किया गया था। मोहित के पिता महिपाल शर्मा ने रोहाना के अमृत इंटर कॉलेज से बारहवीं उत्तीर्ण करने के बाद मेरठ से आईटीआई का प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद फरीदाबाद की फैक्टरी में नौकरी की। मोहित की मां सुनीता शर्मा सहारनपुर जिले के गांव अंबेहटा की रहने वाली है। परिवार पहले बल्लभगढ़ रहा और वर्तमान में फरीदाबाद में रह रहा है।
शुक्रवार रात अहमदाबाद में खेले गए मुकाबले में मोहित शर्मा ने मुंबई के सूर्य कुमार यादव, विष्णु विनोद, जॉर्डन, पीयूष चावला और कुमार कार्तिकेय को आउट किया। स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को उस वक्त मोहित ने आउट किया, जब वे शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे।
आईपीएल के वर्तमान सीजन में मोहित शर्मा ने शानदार गेंदबाजी की है। अब तक गुजरात की ओर से उन्हें 13 मैच खेलने का मौका मिला, जिनमें मोहित ने 24 विकेट लिए हैं। गेंदबाजों की सूची में उनसे ऊपर गुजरात के ही मोहम्मद शमी ने 28 और राशिद खान ने 27 विकटे लिए हैं, लेकिन इन दोनों खिलाड़ियों को 16-16 मैच खेलने का मौका मिला है, जबकि मोहित ने 13 मैच खेले हैं।
मोहित शर्मा ने आईपीएल की शुरूआत के तीन सीजन पंजाब के लिए खेले थे, लेकिन इसके बाद वह लंबे समय तक चेन्नई की टीम में रहे। पिछले कुछ सालों से उन्हें बेहतर मौके नहीं मिले और इस बार गुजरात की टीम ने उन्हें चुना। 2019 में चेन्नई ने पांच करोड़ में खरीदे था, लेकिन इस बार सिर्फ 50 लाख में गुजरात के लिए खेल रहे हैं।
मोहित शर्मा अब तक आईपीएल के 99 मैच खेलकर 116 विकेट ले चुके हैं। रविवार को चेन्नई के खिलाफ फाइनल में उन्हें गुजरात की टीम ने खिलाया तो यह उनका 100वां मैच होगा।
मोहित शर्मा ने 2013 में भारतीय टीम की ओर से जिंबाब्वे के खिलाफ पहला मैच खेला। साल 2015 तक वह टीम इंडिया का हिस्सा रहे, लेकिन इसके बाद चोट की वजह से बाहर हो गए। आठ साल से उन्हें दोबारा मौका नहीं मिला है।
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