नई दिल्‍ली. भारत में नवरात्र के साथ ही त्‍योहारी सीजन शुरू हो जाता है. फेस्टिव सीजन का समापन नए साल के जश्‍न के साथ ही होता है. त्‍योहारी सीजन में खूब खरीदारी होती है. इस अवधि के दौरान घर, कार, मकान या अन्य महंगी उपभोक्ता वस्तुओं की खूब बिक्री होती है. इसका कारण है कि त्‍योहारों में इन्‍हें खरीदना शुभ माना जाता है. त्‍योहारों का इंतजार ग्राहक और विक्रेता, दोनों को ही रहता है. भारी मांग को देखते हुए बैंक और अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थान भी ग्राहकों को लुभाने के लिए खूब लोन ऑफर्स देते हैं.

इन ऑफर्स को ग्राहक भी पसंद करते हैं. यही कारण है कि त्‍योहारी सीजन में लोन लेने वाले लोगों की संख्‍या बढ़ जाती है. अगर आप भी इस समय लोन लेने की सोच रहे हैं तो, अच्‍छे से विचार करके ही यह काम करें. कई बार होता यह है हम लोन लेते वक्‍त केवल ब्‍याज दर को देखकर ही ऋण ले लेते हैं. अन्‍य बातों का ध्‍यान नहीं करते. हमारी यह लापरवाही बाद में लोन चुकाते वक्‍त हमें बहुत भारी पड़ती है. इसलिए त्‍योहारी सीजन में लोन लेते वक्‍त आपको कुछ बातों का ध्‍यान रखना चाहिए.

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर आपका इरादा भी त्‍योहारी सीजन में लोन लेने का है तो पहले अपने क्रेडिट स्‍कोर के बारे में जरूर जान लें. खराब क्रेडिट स्‍कोर होने पर बहुत से बैंक लोन नहीं देते हैं.अगर देते हैं तो ज्‍यादा ब्‍याज लेते हैं. आमतौर पर, अधिकांश वित्‍तीय संस्‍थान 750+ के क्रेडिट स्कोर को अच्छा मानते हैं. इसलिए अगर आपका क्रेडिट स्‍कोर कम है तो पहले उसे सुधार लें. फिर लोन के लिए अप्‍लाई करें.

लोन ऑप्‍शन का चुनाव हमेशा समझदारी से करना चाहिए. मान लो कि आपको एक महंगा टीवी खरीदना है तो आपको कंज्‍यूमर ड्यूरेबल लोन लेना चाहिए. इस काम के लिए पर्सनल लोन लेना ठीक रहेगा. लोन लेने से पहले उपलब्‍ध सभी लोन विकल्‍पों का मूल्‍यांकन करें. उनके फीचर्स की तुलना करें, और फिर ही किसी एक का चुनाव करें.

त्योहारी सीजन के दौरान, बैंक और वित्तीय संस्थान ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई ऑफर्स देते हैं. लेकिन, इन ऑफर्स की को लेने से पहले नियम और शर्तों को अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए. ऐसा करना इसलिए जरूरी है, क्‍योंकि बैंक आमतौर पर ऐसी शर्तें रखती हैं, जिससे सस्‍ता दिखने वाला लोन भी ग्राहक को महंगा पड़ता है. इसलिए, सभी दस्तावेजों को ध्यान से देखें और लोन प्रपोजल को पूरी तरह समझ लें.

लोन से पहले, इसे चुकाने की अपनी क्षमता का आंकलन जरूर कर लें. लोन आप पर एक भार है. इसे आपको मासिक किस्‍तों में चुकाना होगा. अगर आप ईएमआई नहीं भर पाएंगे तो आपको पेनल्‍टी तो चुकानी ही होगी, साथ ही यह आपके क्रेडिट स्‍कोर पर भी नकारात्‍मक असर डालेगा. इससे भविष्य में कर्ज मिलना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप केवल तभी उधार लें जब आप अपनी पुनर्भुगतान क्षमता के बारे में पूरी तरह आश्वस्त हों.