नई दिल्ली। इकाना स्टेडियम की पिच पर फिर से सवाल उठ गए हैं। आईपीएल के लो स्कोरिंग मैच के बाद यह पिच विवादों में आई थी। उसके बाद नई मिट्टी लाकर इसे ठीक किया गया था। लेकिन भारत-इंग्लैंड के बीच जिस तरह से पिच ने बर्ताव किया है एक बार फिर से पिच पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
चाहे वह विराट कोहली का विकेट हो अथवा मो. शमी का। इकाना स्टेडियम की पिच को लेकर एक बार फिर सवालों की बारिश शुरू हो गई है। तमाम खेल विशेषज्ञों ने विकेट पर नाखुशी जताई। हालांकि यहां की विकेट को आईपीएल के बाद नए सिरे से बनाने का दावा किया गया था, जो खोखला साबित होता दिख रहा।
इस साल जनवरी में भारत-न्यूजीलैंड का मुकाबला खेला गया था। इस मैच में पिच का बर्ताव इतना खराब था कि न्यूजीलैंड की टीम निर्धारित 20 ओवर में आट विकेट पर सिर्फ 99 रन ही बना सकी। जवाब में भारत ने 19.5 ओवर चार विकेट पर किसी तरह लक्ष्य हासिल किया। मैच के बाद उस समय टीम के कप्तान हार्दिक पांड्या ने इकाना की पिच पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। यही नहीं, मार्च-अप्रैल में यहां आइपीएल के सात मैच खेले गए। इनमें से ज्यादातर मुकाबलों में दुनिया के दिग्गज बल्लेबाज भी रन के लिए संघर्ष करते नजर आए।
विश्वकप के मैच जिन मैदानों में हो रहे हैं वहां सभी में टीमें हाई स्कोर बना रही हैं। यहां तक कि चेज करने वाली टीमें भी तीन सौ ऊपर का स्कोर बना रही हैं। इकाना के साथ ऐसा नहीं है। यहां भारतीय पारी के दौरान पिच अनियमित बर्ताव करती हुई दिखी। बॉल ऊपर और नीचे तो रही ही उसमें गति और उछाल भी नियमित नहीं रहा।
बदइंतजामी भरपूर इसे उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) और इकाना स्टेडियम प्रबंधन की ओर से चहेतों को पास देने के बावजूद वीआईपी बॉक्स आधे से ज्यादा खाली पड़ा रहा। आलम यह रहा कि भारतीय बल्लेबाजी के दौरान वीआईपी बॉक्स आधा खाली रहा, जबकि इंग्लैंड की बल्लेबाजी शुरू होने के बाद वीआईपी बॉक्स खाली होना शुरू हो गया। कहने को तो इन वीआईपी बॉक्स में फाइव स्टार स्तर की कैटरिंग देने का दावा किया गया, लेकिन वहां भी दर्शकों के हाथ निराशा लगी।
ऐसे तमाम अन्य कारणों के चलते मैच देखने आए दर्शकों का मजा किरकिरा कर दिया। निर्धारित धनराशि पर टिकटों की बिक्री हुई और जो भी इसे खरीदकर मैच देखने गया, प्रबंधन को आड़े हाथ लेते दिखा। कुछ ऐसा ही हाल पास लेकर आए मैच देखने वालों का रहा। इन बॉक्स में बैठने वाले दर्शकों ने बदइंतजामी की कई बार शिकायत भी की, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।