बागपत।  जिला शासकीय अधिवक्ता राहुल नेहरा ने बताया कि 2015 में तत्कालीन कोतवाली प्रभारी अनिल कपरवान ने विक्रांत उर्फ विक्की सुन्हैड़ा, हिसावदा के पूर्व प्रधानपति हरेंद्र मलिक उर्फ फेरू, बंदपुर निवासी हरेंद्र उर्फ बिट्टू समेत अन्य के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय त्वरित न्यायालय प्रथम में हुई।

सुनवाई पूरी होने पर न्यायाधीश पवन कुमार राय ने माफिया विक्रांत उर्फ विक्की, पूर्व प्रधानपति हरेंद मलिक उर्फ फेरू और हरेंद्र उर्फ बिट्टू पर दोषसिद्ध कर दिया और दस-दस साल की सजा सुनाई। साथ ही दो-दो लाख रुपये अर्थदंड लगाया। जिसे अदा नहीं करने पर एक साल की सजा बढ़ाने के आदेश दिए गए। एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि विक्की उर्फ विक्रांत को शासन से माफिया घोषित किया गया था। उसके गिरोह के सदस्यों के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला करने समेत अन्य धाराओं में 20 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।