मुजफ्फरनगर। हिंद मजदूर किसान समिति की राष्ट्रप्रेमी मजदूर किसान महापंचायत मेें किसानों के लिए सुरक्षा, संपन्नता और सम्मान की मांग को पुरजोर ढंग से उठाया गया। आध्यात्मिक गुरु चंद्रमोहन ने कहा कि गन्ने को राष्ट्रीय फसल घोषित किया जाए। एमएसपी से किसी भी कीमत पर छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी। यूपी के किसानों को हरियाणा और पंजाब से अधिक गन्ना मूल्य मिलना चाहिए। सरकार यदि गन्ना किसानों की उपेक्षा कर रही है, तो याद रखे कि यह भगवान राम का अपमान है। राम के वंश के महाराजा ईक्ष्वाकु ने ही गन्ने की फसल की शुरूआत की थी।

रविवार को राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान पर किसानों ने भारी संख्या में जुटकर अपने अधिकारों की आवाज उठाने का काम किया। महापंचायत में मुख्य अतिथि आध्यात्मिक किसान नेता चंद्रमोहन ने कहा कि किसानों की इस पंचायत पर देश और दुनिया के साथ ही सत्ता तथा विपक्ष की नजर है। यहां पर हम सरकार का विरोध करने के लिए जुटे हैं, तो व्यवस्था परिवर्तन के लिए किए गए कार्यों को लेकर सरकार की तारीफ भी कर रहे हैं। यूपी से गुंडाराज खत्म किया, बिजली आपूर्ति में सुधार हुआ, सड़कों की दशा सुधरी और गोहत्या बंद कराई इसके लिए सीएम योगी का आभार है। हालांकि बिजली महंगी हो गई, महंगाई बढ़ी, पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए गए, आवारा पशुओं से किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए कदम नहीं उठाया गया।

उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर पर पाबंदी लगा दी गई, यह सभी निर्णय किसान विरोधी हैं, इनको लेकर किसान परेशान है। उन्होंने कहा कि आवारा पशु किसानों की खेती को नष्ट कर रहे हैं। अफसर सुनते नहीं है, इस समस्या के समाधान के लिए यूपी डायल-112 जैसी सेवा शुरू कराएं या गोवंशीय पशु के गोबर को 20 रुपये प्रति किलो सरकार खरीदे तो समाधान होगा।

स्वामी सहजानंद सरस्वती को सबसे पहला किसान नेता बताते हुए कहा कि जातिवादी व्यवस्था के कारण ही उनके योगदान और बलिदान को भुलाया गया। वृद्ध मजदूरों के लिए दोगुनी पेंशन व्यवस्था होनी चाहिए। देश में किसानों को एमएसपी गारंटी कानून सरकार दे, यह हमारा मूल अधिकार है, इसके बिना किसानों का कल्याण नहीं होगा।

किसान नेता चंद्रमोहन ने कहा कि सरकार यदि गन्ना किसानों की उपेक्षा कर रही है, तो याद रखे कि यह भगवान राम का अपमान है। राम के वंश के महाराजा ईक्ष्वाकु ने ही गन्ने की फसल की शुरूआत की थी। किसानों के बारे में गंभीरता से सरकार को सोचना होगा। गन्ना मूल्य का भाव चीनी के बाजार मूल्य से तय करने की व्यवस्था लागू की जाए। उन्होंने गन्ने फसल पर शोध कराने की मांग सरकार से की। हम किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ेंगे, लेकिन व्यक्तिगत संबंध तो रखेंगे। हिंद मजदूर किसान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजपाल सिंह दधेडू और संयोजक अमित मौलाहेडी ने आभार जताया। रमन प्रधान, गुरदेश चौहान, राणा प्रताप आदि ने हिस्सा लिया। संचालन नीरज सिंह ने किया।

महापंचायत में किसानों की भारी भीड़ से आयोजक गदगद नजर आए। इस पंचायत में मुजफ्फरनगर और शामली, मेरठ सहित कई जनपदों से किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर पहुंचे थे। महापंचायत में महिलाओं ने भी भारी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

महापंचायत के मंच पर हिंद मजदूर किसान समिति के प्रेरणास्त्रोत और आध्यात्मिक किसान नेता चंद्रमोहन को गठवाला खाप की ओर से पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि चीन में गन्ना भारत से गया। जब पहली बार वहां गन्ना गया तो लोग बोले कि बुद्ध की भूमि का बांस भी मीठा है।

गठवाला खाप के बाबा चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि किसान किसी को सत्ता में बना सकते है तो वह सत्ता से उतारना भी जानता है। सरकार यह जान ले के कि ये ही असली महापंचायत है। जरूरत पड़ी तो किसान लखनऊ कूच भी कर सकते हैं। सरकार को किसानों के प्रति अपनी नीति और सोच को भी बदलना होगा। किसानों का ट्रैक्टर बंद कराए जा रहे हैं। दस साल में किसान नया ट्रैक्टर नहीं खरीद सकता। ये सरकार किसानों का ट्रैक्टर बंद कराकर दिखाए, हम भी लड़ाई को तैयार हैं। हम सरकार को एक सप्ताह का समय देते हैं, एक सप्ताह बाद फिर से मीटिंग की जाएगी और रणनीति पर विचार होगा।

किसान नेता संजीव त्यागी ने कहा कि सरकार किसानों की अनदेखी न करें। गन्ने की भाव पांच सौ रुपये तक मिलना चाहिए। किसान अपनी समस्याओं को लेकर परेशान है। किसानों की समस्याओं का हल सूबे की योगी सरकार को गंभीरता से लेकर करना चाहिए।

शनिवार की रात बारिश होने के कारण जीआईसी मैदान पर जलभराव के कारण आयोजन में दिक्कत का सामना करना पड़ा। सुबह से ही यहां पर हिंद मजदूर किसान समिति के प्रवक्ता अमित मोलाहेडी कार्यकर्ताओं के साथ व्यवस्था बनाने में जुटे रहे। पानी और कीचड़ होने के पर भारी संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर ट्रालियों पर ही सवार रहकर इस पंचायत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।