मुजफ्फरनगर। आखिरकार पिछले 171 दिन चली चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के वित्तीय अधिकार की लड़ाई का पटाक्षेप हो गया। कार्यकाल के आखिरी दिन सिर्फ डेढ़ घंटे के लिए उन्हें अधिकार मिले। शाम पांच बजे उनका कार्यकाल समाप्त हो गया। उधर, शुक्रवार से डीएम चंद्रभूषण सिंह के पास वित्तीय अधिकार होंगे।
शासन ने चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के वित्तीय अधिकार 19 जुलाई को सीज कर दिए थे। इसके बाद अग्रवाल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट इलाहाबाद ने 24 जनवरी को उन्हें बहाल कर दिया, लेकिन प्रशासन ने उन्हें चार्ज नहीं दिया था। इस पर अंजू अग्रवाल ने डीएम, कमिश्नर और शासन सभी को पत्र लिखा, लेकिन उन्हें वित्तीय अधिकार नहीं दिए गए थे। चेयरपर्सन के साथ प्रदेश में चार निकायों के चेयरमैन के अधिकार सीज हुए और चारों के अधिकार हाईकोर्ट ने बहाल कर दिए थे। इनमें से एक चेयरमैन ने उच्च न्यायालय में आदेश की अवमानना की याचिका कर दी।
इस पर न्यायालय ने शासन को फटकार लगाई तो तीन जनवरी को प्रदेश के चारों चेयरमैन को चार्ज देने के आदेश शासन ने कर दिए थे। ईओ नगर पालिका हेमराज को चार जनवरी को आदेश रिसीव करा दिए गए। प्रशासन ने हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अंजू अग्रवाल को आदेश के 42 दिन बाद आदेश रिसीव कराए। चेयरमैन को 171 दिन की कानूनी लड़ाई के बाद तीन बजकर तीस मिनट पर अधिकार मिले। हालांकि उनका कार्यकाल पांच बजे समाप्त हो गया और उनके पास मात्र डेढ़ घंटे का ही कार्यकाल रहा।
डेढ़ घंटा का अधिकार मिला, लेकिन चेयरपर्सन अपने घर ही रही। ईओ पालिका हेमराज ने बताया कि उन्होंने चेयरमैन को चार्ज दिलाकर हाईकोर्ट और शासन के आदेश का पालन किया है।
चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने बताया कि मेरे पास दिन में 03:30 बजे डीएम का आदेश आया। कार्यभार देने के लिए मेरे हस्ताक्षर बैंक भेजे गए। ये सब योजनाबद्ध तरीके से हुआ। शहर की जनता के साथ इससे अच्छा मजाक कुछ नहीं हो सकता। पांच बजे मेरा कार्यकाल खत्म हो रहा है। यह चार्ज मात्र औपचारिकता कहा जा सकता है।
ईओ हेमराज ने बताया कि शासन के आदेश के बाद डीएम सीबी सिंह के निर्देश पर चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल को वित्तीय अधिकार दे दिए गए हैं। शुक्रवार को दस बजे डीएम को वित्तीय अधिकार पहुंच जाएंगे। हमने तो आदेश का पालन किया है।