मुजफ्फरनगर। तीसरे दिन भी रुक-रुककर बारिश जारी रही। जिले में 29 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। जिले में दो जगह मकान गिरने के हादसे भी हुए। धान के किसानों की चिंता बढ़ गई है। लगातार बारिश से सब्जी के किसान भी परेशान हैं।

रविवार को बारिश जारी रही। कई क्षेत्रों में तेज तो कई क्षेत्रों में धीमी बारिश हुई। बारिश के कारण दिनभर जन जीवन अस्त-व्यस्त रहा। शहर में दोपहर 12 बजे के बाद बारिश हुई, जबकि देहात क्षेत्र में सुबह 10 बजे तक अधिक बारिश हुई।

अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम तापमान 20.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। पुरकाजी क्षेत्र के भोजाहेड़ी में विधवा कमलेश अपनी पुत्रवधू लक्ष्मी और 13 वर्षीय पौत्र के साथ अपने पुश्तैनी मकान में रहती है। बारिश में उनका मकान गिर गया। जिसमें मकान में रखा सामान भीग जाने से हजारों रुपये का नुकसान हो गया। हादसे के वक्त विधवा अपने परिवार के साथ मकान के बरामदे में सोई हुई थी। जिस कारण जान की कोई हानि नहीं हुई। ग्रामीणों ने प्रशासन से विधवा का मकान बनवाने की मांग की है।

भोपा। गांव सिकंदरपुर में बारिश के चलते मजदूर के मकान की छत गिर गई, जिसमें उसका कीमती सामान मलबे में दब गया। बीते वर्ष भी 28 जुलाई को उसका मकान गिर गया था। आवास निर्माण को लेकर पीड़ित उच्च अधिकारियों के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसके मकान का निर्माण नहीं हो सका।

भोपा थाना क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर निवासी ऋषि पाल व उसकी पत्नी राखी देवी ने बताया कि उसका मकान कच्चा होने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बरसात के समय तो उनका परिवार रात जागकर काटता है।

ऋषि पाल ने बताया कि शनिवार रात बारिश के चलते छत गिर गई, जिसमें उसका कीमती सामान दबकर नष्ट हो गया। बीते वर्ष 28 जुलाई में उसके मकान गिर गया था। उसने जिला अधिकारी, उप जिला अधिकारी, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव आदि से इसकी शिकायत की और ऑनलाइन अधिकारियों को समस्या से अवगत भी कराया था, लेकिन आजतक उसकी समस्या का समाधान नहीं हो सका।

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास बन सके इसी को लेकर संबंधित अधिकारी से कई बार गुहार लगाई हैं। पूर्व प्रधान सिकंदरपुर मैन पाल सिंह और वर्तमान प्रधान कोमल का कहना है कि सरकारी आवास के लिए प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई है। उच्च अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर ठीक से जांच कर ऋषि पाल का आवास बनाया जाए।

ऋषि पाल ने बताया कि उसका मकान पूर्ण रूप से कच्चा है, और आर्थिक स्थिति भी उसकी ठीक नहीं है। इसकी जानकारी ग्राम प्रधान सहित गांव के हर एक व्यक्ति को है। इसके बाद भी उसके द्वारा आवास निर्माण कराए जाने की मांग को वहीं ऑफिस में बैठे अधिकारी उसे अपात्र बता कर उसकी मांग को खारिज कर देते हैं। उधर, गांव के ही ओमेंद्र के मकान की छत दो दिन पूर्व बारिश के चलते गिर गई थी। ओमेंद्र की पहले ही आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उसने भी सरकारी योजना के अंतर्गत आवास बनाए जाने की मांग की है।

मकान निर्माण को लेकर पिछले एक साल से दिन रात मजदूरी कर व उधार रकम जुटाई थी। ऋषि पाल का कहना है कि उसी समय उसका चार वर्षीय बेटा गुरु अचानक बीमार हो गया। जिसकी बीमारी में उसकी इकट्ठी की गई तमाम रकम खर्च हो गई। ऋषिपाल के परिवार में पत्नी राखी देवी, बड़ा बेटा ध्रुव पांच वर्ष, कुणाल दो वर्ष, विशु छह माह है।