नकुड़। जिलाधिकारी डाॅ. दिनेश चंद्र ने शामली-अंबाला नेशनल हाईवे निर्माण में आई जमीन के मुआवजे की मांग कर रहे पट्टा धारक किसानों के साथ बैठक कर जमीन को कब्जा मुक्त करने की अपील की। डीएम ने कहा कि राजस्व परिषद बोर्ड के निर्देशानुसार धारा 132 की सरकारी भूमि के स्वामित्व का अधिकार नहीं मिल सकता। जबकि किसान उक्त भूमि पर अपना स्वामित्व बताते हुए हाईवे में आयी जमीन का मुआवजा दिये जाने की मांग कर रहे हैं ।

बृहस्पतिवार को ब्लॉक सभागार में डीएम डॉ. दिनेश चंद्र ने किसानों से बात करते हुए कहा कि शामली-अंबाला हाईवे निर्माण में 669 किसानों की करीब 23.30 हेक्टेयर जमीन आ रही है। जो राजस्व अभिलेखों में श्रेणी छह के अंतर्गत धारा 132 की सरकारी भूमि दर्ज है। राजस्व परिषद बोर्ड के निर्देशानुसार श्रेणी छह की जमीन पर किसी प्रकार का कोई पट्टा आवंटित नहीं हो सकता। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि हाईवे निर्माण में आने वाली जमीन को स्वयं ही कब्जा मुक्त कर दें, जिससे सरकारी कार्य बाधित ना हो।

उन्होंने कहा कि किसान हित में दोबारा एक तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। किसान तीन सदस्यीय कमेटी के सम्मुख अपने साक्ष्य व तथ्य प्रस्तुत करें। साक्ष्य व तथ्यों के आधार पर जांच कर उसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इस दौरान एडीएम एफ रजनीश कुमार मिश्र, एसडीएम अजय कुमार अंबष्ट, तहसीलदार राधेश्याम शर्मा, नेशनल हाईवे आथॉरिटी अंबाला के जेई अमित कुमार आदि रहे।