नई दिल्ली. कोरोना महामारी से हो सके आपने अपने बच्चे को बचा लिया हो.अब मंकीपॉक्स का खतरा सिर पर मंडराता नजर आ रहा है. भारत में अभी भी हर कोई मंकीपॉक्स की जानकारी से वाकिफ नहीं है. आपको बता दें कि जिस तरह से यह नई नई बीमारियां लोगों के बीच धीरे धीरे फैल रही है, जो कि चिंता का विषय है इसके बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए. अगर आप ही इन जानकारियों से वंचित रह जाएंगे तो अपने बच्चों को कैसे इनसे दूर रख सकेंगे.
आज हम आपको मंकीपॉक्स से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं. जिससे कि आप अपने बच्चों को प्रोटेक्ट कर सकें. दरअसल छोटे बच्चों में इन वायरस की कोई समझ नहीं होती. उन्हें नहीं पता कि कैसे अपने आपको इन बीमरियों से खुद को बचाना है, ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बच्चों में होने वाले इन लक्षणों और बदलावों को जानें जो कि मंकीपॉक्स के लक्षण हो सकते हैं.
आपको बता दें कि मंकीपॉक्स वायरस एक प्रकार की जेनोटिक बीमारी है जो तेजी से फैलती है. इसके सबसे ज्यादा शिकार बच्चे, बुजुर्ग और ऐसे लोग होते हैं जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है. वहीं डब्लूएचओ का कहना है कि गंभीर मामले आमतौर पर बच्चों में ही देखे जा रहे हैं. इस वायरस का खतरा उम्र, हेल्थ और कंडीशन आदि से जुड़ा है. एक रिपोर्ट के अनुसार मंकीपॉक्स का खतरा बड़ों की तुलना में बच्चों और उन लोगों को ज्यादा है जो बैक्टीरियल सुपर इंफेक्शन, सेप्सिस, केराटाइटिस, ग्रसनी फोड़े के कारण सांस जैसी बीमारियों के अलावा निमोनिया के शिकार है.
मंकीपॉक्स के दौरान शुरुआती लक्षण आपको फ्लू जैसे नजर आएंगे. वहीं बच्चों में आप इन्हें सामान्य बुखार, सिर में तेज दर्द, पीठ में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और सुस्ती और शरीर में चकत्ते जैसे लक्षणों को देख कर महसूस कर सकते हैं.
शरीर में चकत्ते आपको बुखार के तीसरे दिन नजर आएंगे. इन चकत्तों के निशान आपको ओरल टिश्यू, हाथ की हथेलियों, पैरों के तलवों और प्राइवट पार्ट्स पर भी नजर आ सकते हैं. चकत्ते या घाव की संख्या अलग हो सकती है.