मुजफ्फरनगर। रालोद अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य जयन्त चौधरी ने रविवार को यहां खतौली विधानसभा क्षेत्र के गांव अखलाकपुरा में नुक्कड़ सभा में कहा कि किसान आंदोलन और उनकी एकता से भाजपा सरकार डर गई थी। हालात ऐसे बने थे कि प्रधानमंत्री को मामले पर माफी मांगनी पड़ी थी। यह सब कुछ किसान एकता और आपसी भाईचारे के कारण संभव हो पाया।
उन्होंने कहा कि उनके पिता स्व. अजीत सिंह ने मुजफ्फरनगर से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। उनकी हार भले ही हुई, लेकिन वह यहां पर भाईचारा जीता कर गए हैं। दो बिछड़े भाइयों को उन्होंने मिलाने का काम किया। यही उनकी जीत थी। रालोद अध्यक्ष ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी पर एक सीट जीतने के बाद कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन वह हार गए तो क्षेत्र की जनता को बहुत कुछ मिल जाएगा। साथ ही उनका अंहकार टूट जाएगा।
प्रदेश सरकार किसानों की बात करती है, लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले डेढ़ माह हो गया है। अभी तक गन्ना मूल्य तय नहीं हो सका है। भाजपा जनता को अपनी वोट समझती हैं, लेकिन हमारा मकसद आपसी भाईचारा और एकता का है इसलिए सर्व समाज को एकजुट होने का समय है। जिन लोगों ने नफरत फैलाने का काम किया। वह संस्कार और सभ्यता की बात करते हैं। बता दें कि रालोद अध्यक्ष जानसठ क्षेत्र के 11 गांवों में नुक्कड़ सभाएं कर गठबंधन प्रत्याशी मदन भैया के लिए समर्थन जुटा रहे हैं।
खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव का शोरगुल होने के बाद निकाय चुनाव का जोर थम गया है। नगर पालिका अधिकारियों ने वार्डों के आरक्षण की सूची प्रशासन को सौंप दी है, लेकिन यह अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। इसके चलते सभासदी के उम्मीदवारों की धड़कनों में उतार-चढ़ाव बढ़ गया है। नगर निकायों में 12 दिसंबर के बाद चेयरमैन कार्यकाल थम जाएगा।
इसके बाद यहां प्रशासक की तैनाती होगी। खतौली पालिका में अधिकारियों ने सर्वेक्षण के वार्डों की आबादी, वोटरों समेत भौगोलिक स्थिति का आंकलन कर खाका तैयार किया है। इसके बाद वार्डों में सामान्य, पिछड़ा, अनुसूचित वर्ग के लिए महिला-पुरुष सीट का निर्धारण किया गया है। सीमा विस्तार के बाद कयास थे, कि पांच वार्ड बढ़ाए जा सकते हैं, मगर ऐसा नहीं हो सका है।
प्रशासन ने विस्तारित सीमा की आबादी को आसपास के वार्डों में मर्ज कर दिया है। निकाय चुनावों को लेकर सरगर्मी बढ़ी थी, तभी खतौली विधानसभा उपचुनाव की घोषणा हो गई। इसके बाद निकायों में चेयरमैन, सभासदी के दावेदारों का जोर थम गया है। उधर, प्रशासन ने भी आरक्षण सूची को उपचुनाव के बाद सार्वजनिक करने की तैयारी की है। ईओ कृष्ण कुमार सोनकर ने बताया कि पालिका क्षेत्र के वार्डों में आरक्षण तय हो चुका है। उसका प्रकाशन कराने के बाद आपत्ति मांगी जाएगी। उसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।