मुजफ्फरनगर। पांच साल पहले एक मुकदमे में गैरजमानती वारंट जारी होने पर कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन ने यहां एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में सरेडर किया। सपा विधायक करीब तीन घंटे तक न्यायिक हिरासत में रहे। बाद में उन्हें जमानत मिल गई।

एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कैराना के विधायक नाहिद हसन के खिलाफ वर्ष 2016 का एक मुकदमा धारा 174 के तहत कैराना कोतवाली पर दर्ज हुआ था। इस मुकदमे की सुनवाई यहां एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है। नाहिद हसन के कोर्ट में पेश नहीं होने पर अदालत की ओर से गैरजमानती वारंट जारी हुए थे। मंगलवार को तारीख होने पर विधायक नाहिद हसन ने यहां कोर्ट में आकर आत्मसमर्पण किया। अदालत ने उन्हें करीब तीन घंटे तक न्यायिक हिरासत में रखा। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया।

नौ साल पहले स्टेशन पर रेल रोकने के मुकदमे में मंगलवार को प्रदेश के कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल कोर्ट में पेश नहीं हुए। उनके अधिवक्ता की ओर से हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र दिया गया। इस मुकदमे में राज्यमंत्री ने विगत दिनों की जमानत कराई थी। मुकदमे के अन्य आरोपी भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला और पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पंवार कोर्ट में पेश हुए। अदालत ने इसमें सुनवाई के 29 सितंबर की तारीख लगाई है। वर्ष 2012 में स्थानीय स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन में आरपीएफ की ओर से यह मुकदमा दर्ज हुआ था।