मुजफ्फरनगर। सदर सीट पर चुनावी मुकाबला दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। राजनीतिक दलों के लिए भीतरघात से निपटना चुनौती है। कुल मतदाता तीन लाख 56 हजार 283 हैं, जिनमें पुरुष मतदाता एक लाख 89 हजार 918 और महिला मतदाता एक लाख 66 हजार 325 है। सदर सीट पर मुस्लिम मतदाता सबसे अधिक है। भाजपा ने कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल को तीसरी बार टिकट दिया है। इस बार उनकी साख भी दांव पर लगी हुई है। भाजपा के परंपरागत वोट बैंक के अलावा अन्य मतों में सेंधमारी की तैयारी है। भाजपा के लिए भीतरघात चुनौती हो सकती है।

पूर्व मंत्री स्वर्गीय चितरंजन स्वरूप के बेटे सौरभ स्वरूप बंटी इस बार रालोद के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। सपा-रालोद गठबंधन से सौरभ मुस्लिम, जाट प्लस अन्य के गणित से आगे बढ़ रहे हैं। सजातीय वोटों के अलावा अति पिछड़ों और पंजाबी समाज के वोट भी निर्णायक हो सकते हैं। सदर सीट पर भाजपा का विजय रथ दो बार चितरंजन स्वरूप ने ही रोका था।

कांग्रेस के सुबोध शर्मा अपने परंपरागत वोट बैंक और बेदाग छवि को मजबूती बता रहे हैं। सभी बिरादरियों से वोट मिलने का भरोसा है।
बसपा के पुष्पांकर पाल बसपा के बेस वोट बैंक के अलावा मुस्लिमों, सजातीय और अति पिछड़े वोट बैंक पर निगाह रखे गए हैं।
कपिल देव अग्रवाल (भाजपा)
उम्र–58 साल
शिक्षा–स्नातक
मुकाबले में कहां : सदर सीट पर सवर्ण और अति पिछड़ा मतदाता। अन्य राजनीतिक दलों के वोट बैंक में सेंधमारी।
सौरभ स्वरूप बंटी-रालोद-सपा
उम–51 साल
शिक्षा–स्नातक
मुकाबले में कहां–सजातीय मतों के अलावा शहर सीट पर मुस्लिम, जाट और अन्य अति पिछड़ी जाति में सेंधमारी।
सुबोध शर्मा-कांग्रेस
उम्र–67
शिक्षा–बीएससी
मुकाबले में कहां : कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक, सभी जातियों में मतदाता।
पुष्पांकर पाल-बसपा
उम्र–33
शिक्षा–बीए
मुकाबले में कहां : दलित-मुस्लिम समीकरण। सजातीय और अति पिछड़ी जातियों के वोट।