मुजफ्फरनगर। साल 2012 के पीसीएस अधिकारी के रूप में उन्होंने सिविल सर्विस को ज्वाइन किया। 2018 में उनको आईएएस के रूप में प्रोन्नति मिली और उमेश चंद्र मिश्रा 2019 से लगातार जिलाधिकारी पद का दायित्व निभा रहे हैं। वो जिस भी जिले में रहे, वहां पर लंबी पारी खेली है।
अमरोहा और बिजनौर में ढाई साल की तैनाती में अनेक बड़े काम किये। कुशीनगर में एक साल का कार्यकाल पूर्ण किया और अब मुजफ्फरनगर में तैनाती मिली है। नवागत डीएम उमेश मिश्र ने बीए करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक व लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि ग्रहण की है। नवंबर 2018 में आईएएस में पदोन्नति हुई। मूल रूप से प्रयागराज के रहने वाले है। आईएएस में प्रोन्नति मिलने के बाद शासन ने उनको विशेष सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पद पर जिम्मेदारी दी। वो इस पद पर नवम्बर 2018 से फरवरी 2019 तक तैनात रहे। 15 फरवरी 2019 को उन्होंने अमरोहा के जिलाधिकारी के रूप में चार्ज लिया। इसके बाद वो बिजनौर में डीएम बने और सितम्बर 2023 में उनको कुशीनगर का जिलाधिकारी बनाया गया।
पीसीएस अधिकारी के रूप में उमेश चंद्र मिश्रा एडीएम सिटी लखनऊ, मजिस्ट्रेट गाजियाबाद, एसडीएम बुलंदशहर और जनपद अमरोहा की तहसीलों में एसडीएम के पद पर कार्यरत रह चुके हैं। बिजनौर में करीब ढाई साल के कार्यकाल में इन्होंने वर्षों से उपेक्षा का शिकार विदुर कुटी का सुंदरीकरण एवं विदुर कुटी के पास संस्कृत महाविद्यालय का प्रस्ताव एवं विदुर कुटी पर गंगा की धारा लाने का प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजा था।