नई दिल्‍ली. रूस और यूक्रेन की जंग को दो माह पूरे होने वाले हैं। इस दौरान रूसी हमलों से यूक्रेन को काफी नुकसान पहुंचा है। रूस से चल रही इस जंग में यूक्रेन को लड़ने के लिए कई देशों ने विभिन्‍न तरह के हथियार और दूसरे सैन्‍य साजो-सामान दिए हैं। इनकी मदद से रूस को भी नुकसान उठाना पड़ा है। आइये जानते हैं कि देश ने यूक्रेन को हथियारों के लिए की है मदद।

  • अमेरिका ने यूक्रेन को रूस से लड़ने के लिए पोर्टेबल एंटी टैंक मिसाइल FMG-148 जैवलिन दी है। इसको जवान अपने कंधे पर रखनकर कहीं भी ले जा सकता है। ये अंधेरे में भी सटीक निशाना लगा सकती है। इसको अकेला जवान भी आपरेट कर सकता है। ये टैंक के मोटे बख्‍तर को भी भेद सकती है।
  • तुर्की और अमेरिका ने यूक्रेन को हमलावर ड्रोन मुहैया करवाए हैं। हमलावर ड्रोन को बनाने के क्षेत्र में तुर्की काफी आगे पहुंच गया है। इनका इस्‍तेमाल अफगानिस्‍तान में भी किया जा चुका है। रूस की सेना को इनसे काफी नुकसान भी उठाना पड़ा है।
  • स्लोवाकिया ने यूक्रेन को रूस में ही विकसित और बनाए गए S-300 एयरक्राफ्ट एंड मिसाइल डिफेंस सिस्टम दिया है। इस सिस्‍टम से दुश्‍मन पर सौ किमी दूरी से भी निशाना लगाया जा सकता है। ये सिस्‍टम दुश्‍मन के हवाई हमले से भी रक्षा करने में समर्थ है। रूस के कई विमान और दूसरे हवाई हमलों से इस सिस्‍टम ने रक्षा की है।
  • अमेरिका ने यूक्रेन को रूस में ही बने MI-17 हेलिकाप्टर भी दिए हैं। इन हेलीकाप्‍टर्स का इस्‍तेमाल दुनिया के कई देशों में किया जाता है। काफी पहले अमेरिका ने रूस से ये हेलिकाप्टर खरीदे थे। यही हेलीकाप्‍टर अब रूस पर कहर ढहा रहे हैं।
  • ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के विभिनन यूक्रेन को अब तक 1.5 अरब डालर से अधिक की सहायता दे चुके हैं।
  • ब्रिटेन की तरफ से यूक्रेन को रूसी टैंकों को निशाना बनाने के लिए NLAW-लाइट एंटी टैंक वैपन दिया गया है। ये वजन में बेहद हल्‍का है। इसको स्‍वीडिश कंपनी साब बनाती हैं। इसकी मदद से 800 मीटर दूरी तक सटीक निशाना लगाया जा सकता है। यूक्रेन को अब तक ऐसे 3600 लाइट एंटी टैंक वैपन मिल चुके हैं
  • अमेरिका ने यूक्रेन को मजबूत हैमर गाड़ियां मुहैया करवाई हैं। इसके अलावा अमेरिका ने यूक्रेन को करोड़ों डालर की मदद मुहैया करवाई है। अमेरिका ने आधुनिक रडार सिस्टम और गश्ती नाव यूक्रेन को दी हैं।
  • एक इंसान के जरिए ऑपरेट किया जाने वाला FIM-92 स्ट्रिंगर सिस्टम भी दिया गया है। ये एक पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसको अमेरिका में बनाया गया है। इससे लड़ाकू विमानों और हेलिकाप्टरों को निशाना बनाया जा सकता है। यूक्रेन को अब तक ऐसी 1900 यूनिट्स दी हैं।
  • जर्मनी ने यूक्रेन को 80 बुलेटप्रूफ बख्तरबंद गाड़ियां दी हैं। इन गाड़ियों से फायरिंग और राकेट लान्च किए जा सकते हैं। जर्मनी ने यूक्रेन को 50 एंबुलेंस भी मुहैया करवाई हैं।
  • नीदरलैंड ने यूक्रेन को 400 एंटी टैंक हथियार, 200 एंटी एयरक्राफ्ट स्ट्रिंगर मिसाइलें और 100 स्नाइपर राइफलें दीं हैं। नीदरलैंड उन देशों में शमिल है जिन्‍होंने सबसे पहले यूक्रेन को मदद की थी।
  • अमेरिका ने यूक्रेन को नाइट विजन ग्लासेस भी मुहैया करवाए हैं। पश्चिमी देशों से मिले नाइट विजन चश्मे और ड्रोन, इंफ्रारेड व हीट सेंसरों से लेस है।
  • अमेरिकी और यूरोपीय संघ की सेटेलाइट्स से मिली जानकारियां भी यूक्रेन को मुहैया करवाई जा रही हैं।