मेरठ। लिसाड़ी गेट के सुहेल गार्डन में 70 गज के मकान के भीतर का मंजर देखकर लोगों की रूह कांप उठी। कमरे में आसमा और उनकी तीन बेटियां अफ्सा, अजीजा और अदीबा के शव बेड में मिले। मोईनुद्दीन का शव गठरी में बंधा था। उसके हाथ भी बंधे थे। एक भाई ने छत के बगल में लगे रोशनदान से मकान के अंदर का नजारा देखकर शोर मचाया तो दूसरा भाई ताला तोड़कर लोगों के साथ कमरे में पहुंचा।
जमीन पर कपड़े और सामान बिखरा था। दरवाजे के सामने ही एक कमरा था, पास में छोटा सा किचन। कमरे में खून फैला हुआ था। रिश्तेदार और भाई सुबह से फोन कर रहे थे, लेकिन कॉल नहीं उठ रही थी। सुबह से परिवार का एक भी व्यक्ति किसी ने नहीं देखा था। मोईन के दो भाई तसलीम और मोमिन सुहेल गार्डन के बराबर वाली कॉलोनी में रहते हैं।
मामला तब खुला, जब मोईन के भाई तसलीम और मोमिन मौके पर पहुंचे। तसलीम का कहना है कि मुझे अपनी पत्नी को अस्पताल लेकर जाना था। डॉक्टर को दिखाने के बाद मैं मोईन के घर पहुंचा। दरवाजे पर बाहर से ताला लगा था। बाहर से चिल्लाया, मगर अंदर से कोई जवाब नहीं आया। पड़ोसी के मकान की छत पर चढ़ा और रोशनदान से देखा। जहां पर खून पड़ा था, जिसको देखकर मैं चिल्लाया। मोमिन स्थानीय लोगों के साथ दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंच गया।
भतीजी तरन्नुम ने बताया कि हम लोग कल से चाचा (मोईन) को ढूंढ रहे थे। हमें लगा कि कहीं चले गए होंगे। कल रात 9 बजे हमारी बहन की चाचा से फोन पर बात हुई। सब नॉर्मल बात हुई। नहीं पता, फिर क्या हुआ। हमारा घर तो थोड़ी दूर है, यहां घर के बाहर ताला बंद था। हत्या की खबर पाकर मोईन के पड़ोसी रहे मोहम्मद वसीम पहुंचे। उन्होंने बताया कि साल 2009 तक मोईन परिवार के साथ जाकिर कॉलोनी में मदीना मस्जिद वाली गली में रहते थे। मोईन के सभी भाई राज मिस्त्री का काम करते हैं। मोईन मवाना और रुड़की में भी रहे थे। डेढ़ महीने पहले ही परिवार यहां आया था। ये लोग बहुत सीधे-सादे थे। परिवार का किसी से विवाद भी नहीं दिया था।
पुलिस के अनुसार, मोईन की तीन शादी हुई थीं। करीब 15 साल पहले उसने पहली शादी जफरा नाम की लड़की से की। एक बेटी इलमा को जन्म देने के बाद जफरा की मौत हो गई। वह बीमार रहती थी। फिलहाल बेटी अपनी बुआ के साथ किठौर में रहती है। दूसरी शादी 11 साल पहले मोईन ने नारा से की, लेकिन आए दिन के झगड़ों के बाद उसका तलाक हो गया। फिर मोईन ने आसमा से शादी की। आसमा पहले से शादीशुदा थी। उसकी पहली शादी शाहजहां कॉलोनी निवासी दीन मोहम्मद से हुई थी। मोईन और आसमा के तीन बेटियां हुईं।
वहीं देर रात आसमा का भाई हापुड़ से मेरठ पहुंचा। उसने बताया कि दस साल पहले उसने बहन की शादी यहां की थी। बहनोई मोइन ने अपने एक भाई को साढ़े चार लाख रुपये दे रखे थे। मगर किसी तरह का कोई विवाद हो, ऐसा उसे नहीं पता।