साल 2015 में कुख्यात मुकीम काला गैंग ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा हरियाणा और पंजाब तक वारदात कर दहशत पैदा कर दी थी। सहारनपुर के तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में डकैती, सिपाही राहुल ढाका की हत्या और कैराना (शामली) में व्यापारियों से रंगदारी मांगने व हत्या करने के बाद मुकीम काला गैंग पुलिस के रडार पर आ गया। गैंग में 20 से ज्यादा बदमाश हैं, जिनमें कई बदमाश पुलिस मुठभेड़ों में ढेर हुए तो, कई जेलों में बंद हैं।

मुकीम काला गैंग ने 15 फरवरी 2015 को सहारनपुर के तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में डकैती डाली थी, जबकि उसी दरमियान तीतरो में दो सगे भाइयों की हत्या और सहारनपुर शहर में सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर दी थी। बाद में 20 अक्तूबर 2015 को एसटीएफ ने मुकीम काला और उसके शार्प शूटर साबिर जंधेड़ी को गिरफ्तार किया।

साबिर जंधेड़ी बाद में बाराबंकी जेल से न्यायालय ले जाते समय पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था। इस दौरान मुकीम काला और इसके गिरोह के बदमाशों को कुछ राजनीतिक लोगों का संरक्षण भी मिल रहा था, जिस कारण इस गैंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो रही थी। कैसे योगी सरकार में बरपा मुकीम काला गिरोह पर पुलिस का कहर नीचे क्लिक कर अगले पेज पर जाएं