मुजफ्फरनगर। प्रदूषण के बढ़ते ग्राफ के बीच मंगलवार को मुजफ्फरनगर देश का प्रदूषित शहर रहा। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 154 बड़े शहरों के बीच सबसे अधिक रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण की ओर से शाम चार बजे जारी बुलेटिन में मुजफ्फरनगर का एक्यूआइ 379 रहा जो कि देर रात तक एक्यूआइ 394 तक पहुंच गया।
348 एक्यूआइ के साथ नंबर दो पर अंबाला, जबकि पानीपत तीसरे नंबर पर रहा। पानीपत का एक्यूआइ 328 रहा। एनसीआर में शामिल मुजफ्फरनगर में लोहा, पेपर मिलों सहित अन्य उद्योग संचालित हैं। करीब एक सप्ताह पूर्व जनपद में प्रदूषण बढ़ने के संकेत मिलने शुरू हुए थे। एक्यूआइ 200 से बढ़कर 300 हो गया था। मंगलवार रात को एक्यूआइ 394 पर पहुंच गया। आनलाइन मशीनों की मानीटरिंग में मुजफ्फरनगर देश के कई बड़ों शहरों की सूची में प्रदूषण के मामले में सबसे ऊपर दिखाई दिया।
लखनऊ, मेरठ, चंडीगढ़, गाजियाबाद में एक्यूआइ इससे कम रहा। हालांकि, एक सप्ताह से लगातार बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सूजडू स्थित औद्योगिक क्षेत्र में तीन इकाइयों पर जुर्माना लगाया। फिर भी प्रदूषण बढ़ रहा है। गर्मी के मौसम में शुष्क वातावरण और हवा चलना भी प्रदूषण बढ़ने का कारण माना जाता है। ये हैं ज्यादा प्रदूषण वाले क्षेत्र मुजफ्फरनगर शहर में भोपा रोड और रुड़की रोड को सबसे प्रदूषण वाला क्षेत्र माना जाता है। यहां औद्योगिक इकाइयां हैं। बिल्डिंग मैटीरियल का व्यापार भी होता है। बिल्डिंग मैटीरियल सड़कों पर पड़ा रहता है। भोपा रोड पर ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की आनलाइन मशीन लगी है, जो प्रदूषण की स्थिति बताती है।
क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अंकित सिंह ने कहा कि जनपद का एक्यूआइ लगातार बढ़ रहा है। हमारी टीम निरीक्षण कर कार्रवाई भी कर रही है। प्रदूषण रोकने के कुछ और उपाय अपनाए जाएंगे।