मुज़फ्फरनगर। करीब 16 साल पहले 50 हजार रुपये के लेन-देन के विवाद में अंजाम दिए गए दोहरे हत्याकांड में दोषी जीजा-साले को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। विशेष न्यायालय एससी/एसटी एक्ट के पीठासीन अधिकारी अशोक कुमार ने फैसला सुनाया।
शहर के नई मंडी के अलमासपुर निवासी मजदूर राजू को 18 सितंबर 2009 को किसी व्यक्ति ने मोबाइल पर कॉल कर घर से बुलाया था। लेकिन वह रात में घर वापस नहीं लौटा। परिजनों ने तलाश की। इस दौरान 19 सितंबर को राजू और उसके दोस्त अलमासपुर निवासी अनुसूचित जाति के संजीव के शव कूकड़ा में प्लॉट में पड़ा मिले थे। दोनों की गर्दन पर धारदार हथियार से वार कर हत्या की गई थी। मृतकों के परिजनों ने अज्ञात में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने जांच के बाद अथाई गांव निवासी रोशन, उसके साले ककरौली निवासी सुंदर और इनके साथी संजय के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान संजय की मौत हो गई।
शुक्रवार को अदालत ने जीजा-साले पर दोष सिद्ध किया। अदालत ने दोनों को हत्या की वारदात में आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। दोषियों का राजू के साथ 50 हजार रुपये के लेन-देन का विवाद था। कॉल कर उसे घर से बुलाया गया। इस दौरान उसका साथी संजीव भी आ गया। रात के समय बातचीत के दौरान धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी गई। राजू अपनी मां गंजना और भाई रवि के साथ अलमासपुर में रह रहा था और कूकड़ा में मजदूरी करता था।