मुजफ्फरनगर। चीनी के बढ़े दामों के बीच गुड़ के भंडारण में तेजी आ गई है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार अब तक 25 हजार गुड़ के कट्टों का अधिक भंडारण हुआ है। थोक बाजार में गुड़ के दाम 3400 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल हैं। गेहूं की बुवाई के बाद किसान कोल्हू पर गन्ना कम सप्लाई करते हैं, ऐसे में गुड़ भी कम बनेगा।
एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी मुजफ्फरनगर से ही दूर-दराज गुड़ की सप्लाई होती है। यहां पर सात शीत गृह हैं, जिनमें गुड़ का भंडारण होता है। कोल्हू संचालक गुड़ मंडी में लाते हैं और व्यापारी उसका भंडारण करते हैं। पिछले वर्ष 28 नवंबर तक गुड़ का भंडारण 21,683 कट्टों का हुआ था। इस बार सत्र में यह भंडारण इस तिथि तक 47,597 गुड़ के कट्टों पर पहुंच गया है। बाजार में चीनी के दाम तेज होने और 40 रुपये प्रति किलो के चलने के चलते गुड़ व्यापारी भंडारण पर जोर दे रहे हैं।
कोल्हुओं पर गन्ना 300 से 320 रुपये क्विंटल तक सप्लाई किया जा रहा है। गेहूं की बुवाई को लेकर इस समय गन्ने की कटाई बढ़ गई है। गुड़ व्यापारियों को उम्मीद है कि गेहूं की बुवाई होते ही किसान कोल्हुओं पर गन्ने की सप्लाई कम करेंगे, जिससे उत्पादन पर असर पड़ेगा। इसके बाद गुड़ के थोक दाम में और अधिक बढ़ोतरी होने की उम्मीद रहेगी।
रतनपुरी के कोल्हू ठेकेदार जय भगवान का कहना है कि हमें 300 से 320 रुपये क्विंटल तक गन्ना खरीदना पड़ रहा है। बाजार में गुड़ जिस भाव बिक रहा है, इसमें अधिक मुनाफा नहीं है। गेहूं की बुवाई होते ही कोल्हुओं को गन्ना मिलना मुश्किल हो जाएगा।
गुड़ के थोक व्यापारी अचिंत मित्तल का कहना है कि बाजार में चीनी के दाम बढ़े होने के कारण और गन्ने के दामों के बढ़ने की संभावना को देखते हुए व्यापारी गुड़ का भंडारण कर रहे हैं। यही कारण है कि इस बार गुड़ का भंडारण तेजी से बढ़ रहा है। गुड़ मंडी एसोसिएशन के मंत्री श्याम सिंह सैनी का कहना है कि मंडी में जितना गुड़ आ रहा है उससे ज्यादा अवैध रूप से राजस्थान और गुजरात जा रहा है।
समस्त गुड़ आए तो मंडी का व्यापार बढ़ेगा। यह बात सही है कि इस बार भंडारण बढ़ा है। गुड़ के फुटकर दाम की बात करें तो गुड़ और शक्कर प्रति किलो 40 से 50 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है। एक माह बाद दाम में उछाल की उम्मीद है।