मुजफ्फरनगर। नगर पालिका परिषद ने साल 2022 के दिसंबर में एक भी रुपया खर्च नहीं किया। यहां तक कर्मचारियों का वेतन भी नहीं निकाला। जबकि इससे पहले नवंबर में तीन करोड़ खर्च किए गए थे। पालिका के खाते में इस समय 50 करोड़ से ऊपर हैं जो खर्च ही नहीं हो पाए हैं।
नगर पालिका परिषद चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल और प्रशासन के बीच अखाड़ा बनी हुई है। चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने आखिरी बोर्ड बैठक 13 जुलाई को की। 19 जुलाई को अंजू अग्रवाल के अधिकार सीज हो गए और प्रशासक सिटी मजिस्ट्रेट को बना दिया गया। 24 नवंबर को न्यायालय से अधिकार बहाल हो गए। 24 नवंबर के बाद से पालिका में एक पैसे का भी लेन देन नहीं हुआ। दिसंबर में एक पैसा पालिका के खाते से नहीं निकला। 24 नवंबर से पहले तीन करोड़ खर्च किए गए। पालिका में हालत यह है कि कर्मचारियों का वेतन तक नहीं निकल पा रहा है। लेखा विभाग के अनुसार पालिका के खाते में इस समय 50 करोड़ से अधिक है।
नगर पालिका परिषद की आखिरी बोर्ड बैठक 13 जुलाई को हुई थी। इसके बाद अब तक बोर्ड बैठक नहीं हो पाई है। चेयरपर्सन और प्रशासन के आपसी विवाद के चलते यह स्थिति बनी है। 19 जुलाई को चेयरपर्सन के अधिकारी सीज हो गए थे।
नगर पालिका में इस समय सुंदरीकरण कराया जा रहा है। चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने इसके लिए 40 लाख स्वीकृत किए थे। पालिका के बरामदों में फर्श आदि दुरुस्त करने का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके साथ पाकिला कन्या इंटर कॉलेज में 56 लाख रुपये में बिल्डिंग तैयार हुई है। 38 लाख रुपये में यहां कमरों में टाइल्स आदि का कार्य चल रहा है। ये दोनों कार्य काफी पहले पास हो चुके थे।
नगर पालिका ने महावीर चौक और पालिका में ऊपरी छत पर आधुनिक शौचालय बनवाए हैं। इनको लोकार्पण का इंतजार है। लोकार्पण नहीं होने के कारण जनता को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है।