मुजफ्फरनगर। पावर कारपोरेशन की तीन दिन की हडताल से करीब 300 फैक्ट्रियों के उत्पादन को करीब 100 करोड का नुकसान हुआ है। तीन दिन तक इन फैक्ट्रियों को बिजली सप्लाई नहीं मिल पायी। जिस कारण इन फैक्ट्रियों में उत्पादन बद रहा है। वहीं पावर कारपोरेशन में तीन दिन तक कोई बिजली बिल जमा नहीं हुआ है। कैश काउंटर बंद होने के कारण विभाग को करीब 10.35 करोड के राजस्व की हानि हुई है। हालाकि हडताल के बाद खुले कैश काउंटर पर उक्त धनराशि आनी शुरू हो गई है।
पावर कारपोरेशन की तीन दिन की हडताल के बाद जनपद में बिजली आपूर्ति सामान्य हुई है। हडताल के दौरान जनपद में बिजली और पानी को लेकर हाहाकार मचा रहा। करीब 65 घंटे की हडताल के बाद सभी अधिकारी और कर्मचारी वापस अपने काम पर लौट गए। रात्रि करीब नौ बजे से शहरी और देहात क्षेत्र में बिजली आपूर्ति दुरूस्त हो गई। उधर पावर कारपोरेशन की तीन दिन की हडताल के कारण करीब 300 फैक्ट्रियों को बिजली सप्लाई नहीं मिल पायी। जिस कारण उक्त फैक्ट्रियां तीन दिन तक बंद रही है। इन फैक्ट्रियों में उत्पादन का कार्य नहीं हो पाया है। पावर कारपोरेशन की हडताल के कारण इन फैक्ट्रियों में करीब 100 करोड के उत्पादन का नुकसान हुआ है। उधर पावर कारपोरेशन के कैश काउंटर हडताल के कारण बंद रहे है। जिस कारण विभाग को भी करीब 10.35 करोड का नुकसान हुआ है।
“पावर कारपोरेशन की हडताल के कारण 300 फैक्ट्रियों को बिजली सप्लाई नहीं मिल पायी है। जिस कारण इन फैक्ट्रियों में करीब 100 करोड के उत्पादन का नुकसान हुआ है। अब औद्योगिक क्षेत्र की बिजली आपूर्ति सामान्य हो गई है।”
“सभी कैश काउंटर खुल गए है। रूका हुआ राजस्व आना शुरू हो गया है। इसलिए इसे नुकसान नहीं कहा जा सकता है। हडताल खत्म होने के बाद सभी अधिकारी और कर्मचारी वापस काम पर लौट गए थे। रात्रि नौ बजे तक शहरी और देहात क्षेत्र में बिजली आपूर्ति सामान्य हो गई।”
पावर कारपोरेशन की तीन दिन की हडताल के कारण शहरी क्षेत्र में बिजली और पानी को लेकर हाहाकार मच गया। शनिवार को शहरवासियों को बुरे हालातों से गुजरना पडा। पानी की सप्लाई न मिलने पर स्थानीय लोगों ने किराए के जनरेटरों से अपने घरों के टैंक में पानी भरा और इनवेटर आदि को चार्ज किया। इस दौरान डीजल की काफी खपत बढी है, वहीं नरेटरों की भी डिमांड काफी बढी है।