मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बालियान खाप के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत ने आज कहा कि भाजपा के विधायकों और नेताओं का गांवों में हो रहा विरोध सौ फीसदी सही है। किसान आंदोलन में सरकार के रवैये से किसानों के साथ ही ग्रामीणों में भाजपा और उसके नेताओं के प्रति आक्रोश है, ऐसे में भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों को गांवों में जाने से परहेज करना चाहिए। उन्होंने 5 सितम्बर की मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत को किसानों के मान सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई बताते हुए कहा कि हम सरकार पर दबाव बनाने काम नहीं कर रहे, लेकिन इससे सरकार को सोचने के लिए जरूर विवश कर देंगे। किसान आंदोलन अपनी गति चलता रहेगा।

मंगलवार को किसान महापंचायत की तैयारियों का जायजा लेने के लिए जिला मुख्यालय पहुंचे भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत ने यूनियन के पदाधिकारियों और अन्य किसानों के साथ जीआईसी मैदान का दौरा किया। उन्होंने पार्किंग स्थल, भोजन शिविर, शौचालय और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए नरेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के इतिहास में इतनी बढ़ी तैयारी मुजफ्फरनगर के इस मैदान पर पहले कभी नहीं हुई। हम संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने किसान आंदोलन के लिए किसानों की इस कर्मभूमि और टिकैत साहब की इस जन्मभूमि को चुना है।

उन्होंने कहा कि इस पंचायत के ऐतिहासिक आयोजन के लिए मुजफ्फरनगर पूरी तरह से तैयार है। यह पंचायत किसानों के मान सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई में एकजुटता के लिए है। इस पंचायत के लिए पूरे जिले के लोग सहयोगी बनकर सामने आये हैं। इसमें देशभर से आने वाले किसानों का आदर सत्कार अपनी परम्परा के अनुसार कर मुजफ्फरनगर दुनिया का दिल जीतने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन अपनी इंटेलिजेंस को मजबूत करे और गलत मानसिकता वाले कुछ लोगों की जांच कराये। प्रशासन का भी दायित्व बनता है कि पंचायत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और बिहार के साथ ही दूसरे प्रदेशों से आने वाले किसानों को सुरक्षित और बेहतर व्यवस्था यहां पर मिले। अकेले भाकियू वालिंटियर कुछ नहीं सकते हैं, यह सभी का काम है।

भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि यह पंचायत सरकार पर दबाव बनाने के लिए नहीं, किसानों की समस्याओं को उठाने के लिए बुलाई गयी है। हां इतना जरूर है कि इस पंचायत के बाद सरकार सोचने के लिए जरूर विवश हो जायेगी। उन्होंने भाजपा सरकारों के प्रति नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि इनती जिद्दी सरकार उन्होंने अभी तक नहीं देखी। किसान आंदोलन में 650 किसान शहीद हो चुके हैं। करनाल में तो मानवता को शर्मशार ही कर दिया गया। आज किसानों के आंसू पोंछने वाला कोई नहीं है। जनप्रतिनिधियों को किसानों के हित में अपनी सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। लेकिन विधायक और सांसद ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं। यही लोगों में रोष है। गांवों में भाजपा नेताओं के विरोध पर उन्होंने कहा कि गांवों में इन लोगों के साथ जो कुछ भी हो रहा है, वह पूरी तरह से जायज है। ये लोग सरकार में रहकर, सत्ता के होते हुए भी किसानों की बात सरकार तक नहीं पहुंचा रहे हैं। शहीदों के परिवार से कोई लेना देना नहीं है, ऐसे लोगों को गांवों में जाने से परहेज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज गन्ना किसानों की इस क्षेत्र में दुर्दशा हो रही है, भुगतान नहीं मिल रहा है, बिजली महंगी है। सरकार को कुछ नजर नहीं आता है।

भाकियू मुखिया नरेश टिकैत ने नौ महीने से ज्यादा समय होने पर किसान आंदोलन को लेकर सरकार के रवैये पर कहा कि सरकार जिद कर रही है। हम कहते हैं कि कुछ किसान पीछे हटें और कुछ सरकार कदम वापस ले, तो बात बन सकती है। बीच का रास्ता निकालने के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए, लेकिन आंदोलन को लेकर अंतिम निर्णय संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को ही करना है। उन्होंने कहा कि 5 सितम्बर को पूरे देश से भारी जनसमूह इस पंचायत में उमड़ेगा।

शहर में प्रवेश के सभी मार्गों मेरठ रोड पर वहलना चौक, जानसठ रोड पर अलमासपुर चौराहा व शेरनगर, भोपा रोड पर गांधीनगर मोड़ और बाईपास ओवरब्रिज, बुढ़ाना शामली रोड पर बुढ़ाना तिराहा और बाईपास के चौराहों, हरिद्वार सहारनपुर रोडपर रामपुर तिराहे पर भी पुलिस बल तैनात रहेगा। सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। ड्रोन कैमरों से भी निगरानी कराई जाएगी। प्रशासन का प्रयास होगा प्रत्येक वाहन चाहे व किसी भी मार्ग से आए सीसीटीवी के सामने से होकर निकलें।