
मुजफ्फरनगर| शामली के थानाभवन में 12 साल पहले सिपाही की हत्या कर राइफल लूटने के मामले में अदालत ने शामली के नीटू कैल पर हत्या और डकैती में दोष सिद्ध किया, जबकि सास-बहू समेत 11 आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-10 की पीठासीन अधिकारी हेमलता त्यागी ने फैसला सुनाया। सजा के प्रश्न पर 29 सितंबर को सुनवाई होगी।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता जसवीर सिंह और वकार अहमद ने बताया कि थानाभवन थाने की मस्तगढ़ पुलिया पर 12 अक्तूबर 2011 को अज्ञात लोगों ने सिपाही कृष्णपाल और अमित कुमार पर हमला कर राइफल लूट ली थी। अस्पताल ले जाते हुए मेरठ निवासी कृष्णपाल की मौत हो गई थी। तत्कालीन एसओ अरुण कुमार त्यागी ने 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
प्रकरण की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-10 में हुई। बुधवार को अदालत ने शामली के कैल शिकारपुर की पूर्व प्रधान ओमकारी, उनकी बहू निशा, बेटे अमित के अलावा मोनू, सुधीर, सत्यवान, विकास, सिसौली के संजीव जयंती, बागपत के संजय, मनोज और यशपाल को दोषमुक्त करार दिया है। जबकि कैल शिकारपुर के नीटू को हत्या के साथ डकैती की धारा 396 में दोष सिद्ध किया है। सजा के प्रश्न पर 29 सितंबर को सुनवाई होगी।
मुकदमे के ट्रायल के दौरान कैल शिकारपुर निवासी ऋषिपाल, धर्मेंद्र की मौत हो गई। बागपत के छपरौली में हुई मुठभेड़ में सुमित कैल मारा गया था। चांदनहेड़ी के संजीव की भी मौत हो चुकी है। कैल शिकारपुर निवासी ऋषिपाल और उनका बेटा अमित वारदात के समय जेल में बंद थे। पुलिस ने उन्हें धारा 120 बी का मुल्जिम बनाया था। ऋषिपाल की पत्नी ओमकारी, पुत्रवधू निशा और अमित को दोषमुक्त करार दिया गया है।
दोषमुक्त करार दी गई ओमकारी का भतीजा पलड़ा निवासी संजय दिल्ली पुलिस में दरोगा है। संजय को भी दोषमुक्त करार दिया गया है। वारदात में 14 पुलिसकर्मियों ने गवाही दी है। इसके अलावा बचाव पक्ष ने भी तीन गवाह अदालत में पेश किए। पुलिस ने अलग-अलग आरोप पत्र दाखिल किए थे। नौ आरोपी धारा 120 बी के बनाए गए थे।
धमाकेदार ख़बरें
