देवबंद। थीतकी गांव के जंगल में पुलिस की छापामारी के दौरान गोली लगने से संदिग्ध परिस्थितियों में हुई शिया समुदाय के जीशान हैदर की मौत के मामले में अब राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने संज्ञान लिया है। भारत सरकार के अवर सचिव राशिद सईद ने डीएम को जांच के लिए आदेशित किया है, साथ ही 21 दिन में इसकी रिपोर्ट तथ्यों सहित आयोग को प्रेषित करने को कहा गया है।
थीतकी गांव निवासी मृतक जीशान हैदर की पत्नी अफरोज ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में पुलिस पर पति की हत्या करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। जिसका संज्ञान लेते हुए आयोग के अवर सचिव राशिद सईद ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए एसडीएम स्तर की कमेटी बनाकर जांच कराए जाने को आदेशित किया है। बता दें कि 5 सितंबर को गोकशी की सूचना पर पुलिस ने थीतकी गांव के जंगल में छापामारी की थी। इस दौरान सपा शासन में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे सैयद ईसा रजा के तहेरे भाई जीशान हैदर के पैर में गोली लगी थी और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। पुलिस का कहना था कि भागते समय स्वयं के हाथ में लिए तमंचे से चली गोली जीशान के पैर में लगी और दहशत के चलते उसकी मौत हो गई। जबकि मृतक के पत्नी अफरोज का आरोप था कि पुलिस पति को घर से बुलाकर ले गई और सुबह उसकी मौत की खबर मिली। इस मामले में अफरोज ने तीन उपनिरीक्षकों सहित 13 पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप लगाया हुआ है।
देवबंद। लखनऊ तक जीशान हैदर की मौत का मामला पहुंचा तो इसकी जांच सहारनपुर क्राइम ब्रांच तथा मुजफ्फरनगर के एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गी को सौंपी गई है। दोनों ही पूरे प्रकरण में गंभीरता के साथ जांच कर रहे हैं। वहीं, शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मिर्जा मोहम्मद मौलाना यासूब अब्बास भी इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले में निष्पक्ष जांच तथा दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुके हैं।