सहारनपुर. सहारनपुर के नैनखेड़ी गांव में सुंदर तालाब ग्राम पंचायत की लापरवाही के कारण बदहाल हो गया है. दो बार प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम पंचायत को इस तालाब के सौंदर्यीकरण के कारण अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है. लेकिन ग्राम प्रधान बदलते ही इनकी सुंदरता को ग्रहण लग गया है. पर्यटकों के चहेता यह तालाब अब गंदगी की पहचान बन चुका है.

सहारनपुर के ग्राम नैनखेड़ी निवासी स्वराज सिंह ने बताया कि उनके गांव का तालाब पूर्व में बहुत अच्छी स्थिति में था. लेकिन प्रधान बदलने के बाद से गांव की स्थिति बहुत ज्यादा खराब है. उन्होंने बताया कि पूर्व में यह तालाब एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित था. लेकिन आज तालाब में सांप अपना डेरा डाल चुके है. सांप तालाब से निकलकर ग्रामीणों के घरों तक में घुस जाते हैं. साथ ही इस गंदगी के कारण मच्छर मक्खियों से भी गांव में बीमारी फैल रही है. इस कारण ग्रामीण गंदगी में जीवन जीने को मजबूर है.

ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में इस तालाब का पानी इतना ज्यादा स्वच्छ था कि लोग अपने खेत से आते वक्त प्यास लगने पर इस तालाब का पानी पीकर अपनी प्यास बुझा लेते थे. ग्रामीणों ने बताया कि तालाब की स्वच्छता और सुंदरता को देखने के लिए दूर दराज के गांव के लोग भी यहां आते थे. और तालाब में सुंदर नाव में बैठकर लोग आनंदित होते थे. इस कारण गांव का नाम दूर-दूर तक ख्याति बटोर रहा था.

ग्राम वासियों ने बताया कि हमारा गांव नैनखेड़ी स्वच्छता को लेकर इतना मशहूर हो गया था कि खुद मुख्यमंत्री द्वारा हमारे गांव को 2020 और 2021 में दो बार अवार्ड से सम्मानित किया गया था. उस वक्त तालाब बहुत ज्यादा साफ सुंदर हुआ करता था. विदेश के लोग इस तालाब को निहारने के लिए हमारे गांव आना शुरू हो गए थे. सहारनपुर. सहारनपुर के नैनखेड़ी गांव में सुंदर तालाब ग्राम पंचायत की लापरवाही के कारण बदहाल हो गया है. दो बार प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम पंचायत को इस तालाब के सौंदर्यीकरण के कारण अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है. लेकिन ग्राम प्रधान बदलते ही इनकी सुंदरता को ग्रहण लग गया है. पर्यटकों के चहेता यह तालाब अब गंदगी की पहचान बन चुका है.

सहारनपुर के ग्राम नैनखेड़ी निवासी स्वराज सिंह ने बताया कि उनके गांव का तालाब पूर्व में बहुत अच्छी स्थिति में था. लेकिन प्रधान बदलने के बाद से गांव की स्थिति बहुत ज्यादा खराब है. उन्होंने बताया कि पूर्व में यह तालाब एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित था. लेकिन आज तालाब में सांप अपना डेरा डाल चुके है. सांप तालाब से निकलकर ग्रामीणों के घरों तक में घुस जाते हैं. साथ ही इस गंदगी के कारण मच्छर मक्खियों से भी गांव में बीमारी फैल रही है. इस कारण ग्रामीण गंदगी में जीवन जीने को मजबूर है.

ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में इस तालाब का पानी इतना ज्यादा स्वच्छ था कि लोग अपने खेत से आते वक्त प्यास लगने पर इस तालाब का पानी पीकर अपनी प्यास बुझा लेते थे. ग्रामीणों ने बताया कि तालाब की स्वच्छता और सुंदरता को देखने के लिए दूर दराज के गांव के लोग भी यहां आते थे. और तालाब में सुंदर नाव में बैठकर लोग आनंदित होते थे. इस कारण गांव का नाम दूर-दूर तक ख्याति बटोर रहा था.

ग्राम वासियों ने बताया कि हमारा गांव नैनखेड़ी स्वच्छता को लेकर इतना मशहूर हो गया था कि खुद मुख्यमंत्री द्वारा हमारे गांव को 2020 और 2021 में दो बार अवार्ड से सम्मानित किया गया था. उस वक्त तालाब बहुत ज्यादा साफ सुंदर हुआ करता था. विदेश के लोग इस तालाब को निहारने के लिए हमारे गांव आना शुरू हो गए थे. एक बार एक इटालियन महिला तालाब देखने के लिए आई थी और महिला को यहां आकर इतना अच्छा लगा कि वह 21 दिन तक हमारे गांव में रहकर वापस गई थी.