मेरठ/मुजफ्फरनगर। पीवीवीएनएल ने बकायेदारों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। अब मेरठ जिले के 7.20 लाख घरों और प्रतिष्ठानों पर प्रीपेड मीटर लगेंगे। यानी आपको महीने में जितनी बिजली इस्तेमाल करनी है उतने का बिल पहले चुकाना होगा। आपके अकाउंट में पैसा खत्म होते ही बिजली आपूर्ति स्वतः ही बंद हो जाएगी। नई व्यवस्था के तहत शहर में वर्ष 2019-20 में 1.20 लाख स्मार्ट मीटर भी हटेंगे।
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम (पीवीवीएनएल) ने वर्ष 2024 तक मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के 14 जिलों के 65 लाख उपभोक्ताओं के घर, दफ्तर या अन्य प्रतिष्ठानों पर बिजली के प्रीपेड मीटर लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं बिजली चोरी रोकने के लिए खुले तारों की जगह एबी केबल के साथ ही आर्म्ड केबल डाले जाएंगे। इन कामों पर करीब 8000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सबसे पहले मेरठ जिले के 3.20 लाख शहरी और चार लाख ग्रामीण उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड मीटर लगेंगे।
पीवीवीएनएल का उपभोक्ताओं पर औसतन 30 फीसदी बिजली बिल हर माह बकाया चलता रहता है। यह रकम करीब पांच हजार करोड़ के आसपास बैठती है। वहीं लाइन लॉस का ग्राफ भी 25 फीसदी से कम नहीं हो पा रहा है। इन सभी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने रीवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) चालू की है। इस योजना के तहत पीवीवीएनएल के लिए भी 13 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।