मुजफ्फरनगर। केंद्र के नए कृषि कानूनों (New Farm Law) के खिलाफ मुजफ्फरनगर के राजकीय इण्टर कॉलेज के मैदान में 5 सितंबर को किसानों की महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) होगी. भारतीय किसान यूनियन (BKU) की ओर से होने वाली इस पंचायत में भाग लेने के लिए दूर-दराज के किसानों का मुजफ्फरनगर पहुंचना शुरू हो गया है.

कई दिनों से चल रही पंचायत की तैयारियां
BKU के संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत के पोते चरण सिंह ने महापंचायत की तैयारियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि महापंचायत में शामिल होने के लिए दूसरे राज्यों के किसानों के जत्थे यहां पहुंच चुके हैं. इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं. उन्हें नगर के गुरूद्वारों और स्कूलों में ठहराने का इंतजाम किया गया है. किसानों के भोजन के लिए लगभग 500 स्टाल लगाए गए हैं. हरियाणा और पंजाब के किसान रात तक यहां पहुंच जाएंगे.

10 लाख लोगों के शामिल होने का दावा
उन्होंने दावा किया कि इस महापंचायत में करीब 8-10 लाख लोग शामिल होंगे. इनमें से करीब 3 लाख लोग रात तक पहुंच जाएंगे, जबकि बाकी लोग रविवार को मुजफ्फरनगर पहुंचेंगे. चरण सिंह टिकैत ने कहा कि इस महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चे में शामिल 40 संगठनों से जुड़े किसान भी शामिल होंगे.

नेताओं को मंच पर नहीं मिलेगी एंट्री
चरण सिंह टिकैत ने कहा कि इस पंचायत में नेताओं को मंच पर बैठने की इजाजत नहीं दी जाएगी. वे अगर पंचायत में आना चाहते हैं तो उन्हें भीड़ के बीच में बैठना होगा. राष्ट्रीय लोकदल के पराग चौधरी ने कहा कि इस महापंचायत में किसानों के हित की बात की जाएगी. उन्होंने दावा किया कि जब भी किसानों को चौधरी अजित सिंह और चौधरी जयंत की जरूरत पड़ी है, उन्होंने हमेशा उनका साथ दिया है.

हम बैरियर तोड़कर पहुंचेंगे- राकेश टिकैत
वहीं राकेश टिकैत ने कहा, ‘महापंचायत के लिए पहुंचने वाले लोगों की संख्या को बताना असंभव है. लेकिन मैं वादा कर सकता हूं कि लोग बड़ी संख्या में पहुंचेंगे. किसानों को महापंचायत तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता. अगर वे हमें रोकते हैं, तो हम बैरियर तोड़ते हुए पहुंचेंगे.’

उन्होंने कहा कि पंजाब से लगभग 2,000 किसानों के मुजफ्फरनगर पहुंचने की उम्मीद है. यूपी, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के अलावा कर्नाटक और तमिलनाडु , केरल जैसे राज्यों से भी किसानों के समूह आना शुरू हो गए हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर तमिलनाडु और केरल के अलावा दूसरे राज्यों से भी किसानों के गुट पहुंचे हैं.