मुजफ्फरनगर। खतौली डिपो में चालक द्वारा शैक्षिक और ड्राइविंग लाइसेंस के फर्जी प्रमाण-पत्रों के आधार पर नौकरी करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया है। कोर्ट के आदेश पर खतौली थाने में धोखाधड़ी समेत विभिन्न धारा में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
मामले की रोडवेज परिवहन निगम के साथ खतौली पुलिस भी आरोपी चालक की जांच कर रही है। चालक पर नियुक्त विभाग समेत अधिकारियों को गुमराह कर 31 साल तक नौकरी करने का आरोप लगाया गया है।
मुजफ्फरनगर गांधी कालोनी निवासी दीपक टंडन ने खतौली कोतवाली में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा पंजीकृत कराया है। जिसमें बताया, कि खतौली के जुमना विहार कालोनी निवासी सुधीर कुमार ने उत्तर प्रदेश रोडवेज परिवहन निगम में फर्जी शैक्षिक प्रमाण-पत्रों के आधार पर नौकरी की है।
आरोपित ने सिसौली के आर्य समाज मंदिर जूनियर हाईस्कूल (अब वैदिक जनता इंटर कालेज) के प्रमाण-पत्रों में जन्मतिथि 1961 दिखाई है, जबकि उसके असल प्रमाण-पत्र जनता इंटर कालेज सिसौली के हैं। जिनमें कक्षा 5वीं से 10वीं तक जन्मतिथि वर्ष 1965 लिखी है। आरोपित ने खतौली डिपो में वर्ष 1989 में चालक के पद पर फर्जी शैक्षिक और ड्राइविंग लाइसेंस के प्रमाण-पत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त की है।
सुधीर ने रोडवेज विभाग में 31 वर्ष तक कार्य किया है, जो वर्ष 2021 में सेवानिवृत्त हुआ है। इस समयावधि में निगम से अवैध रुप से प्रतिमाह वेतन प्राप्त किया है। इसको लेकर खतौली पुलिस ने गहनता से जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। वहीं, रोडवेज डिपो में चालक सुधीर कुमार का रिकार्ड खंगाला गया है। जिमसें प्रथम दृष्टया उसके प्रमाण-पत्रों का सत्यापन सही मिला है।
हालांकि जन्मतिथि को लेकर पुनः जांच शुरू की गई है। इसके लिए उसके नियुक्ति पत्रों के अलावा रोडवेज विभाग में दिए गए प्रमाण-पत्रों, ड्राइविंग लाइसेंस की भी जांच पड़ताल कराई जा रही है। फिलहाल आरोपित चालक पर फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज होने के बाद अधिकारियों ने चालक की गहनता से जांच पड़ताल शुरू कर दी है।