शामली। 13 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के अधिग्रहित भूमि का 19 गांवों के 417 किसानों को 110 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित कर दिया गया है। अगले दो माह में किसानों का संपूर्ण मुआवजा वितरित किए जाने का जिला प्रशासन ने दावा किया है।

भारत माला परियोजना के तहत दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के निर्माण की घोषणा दो साल पूर्व 22 जनवरी 2020 हुई थी। दिल्ली के अक्षर धाम से शुरु होकर बागपत के ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे से वेस्ट यूपी के बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर जिले के गणेशपुर बाईपास से होता हुआ देहरादून तक जाएगा। जिला प्रशासन ने कुल 22 गांवो में लांक, लिसाढ़ ओर खानपुर गांव को छोड़कर शेष 19 गांवों के 1961 किसानों का मुआवजा एनएचएआई से मांगा था। एनएचएआई की ओर से 377 करोड़ रुपये का मुआवजा जिला प्रशासन को प्राप्त हो चुका है। 417 किसानों को 110 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके है।

एसडीएम सदर बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि शामली जिले के तीन गांव लांक, लिसाढ और खानपुर चकबंदी प्रक्रिया में है। शेष 19 गांव का 377 करोड़ रुपये के मुआवजे में छह गांवों के 417 किसानों को 110 करोड़ रुपये मुआवजा वितरित किया जा चुका है। शेष 1544 किसानों को 267 करोड़ रुपये का मुआवजा अगले दो माह में गांव-गांव शिविर लगाकर वितरित कर दिया जाएगा। बाद में चकबंदी में तीन गांवों का मुआवजा मांग लिया जाएगा।

जगनपुर कंडेला और टपराना गांव में दो हाईवे को जोड़ने वाला शामली रिंग रोड के एक हिस्सा का एनएचएआई से मिला 9 करोड़ रुपये के मुआवजे में ढाई करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को वितरित किया जा चुका है। रिंग रोड के तहत दिल्ली-सहारनपुर हाईवे का बाईपास बलवा से शुरू होकर सिंभालका, सेहटा, शामली तहसील से होता हुए सहारनपुर रोड पर मेपल्स स्कूल के पास जाकर मिल रहा है। मेरठ-करनाल हाईवे का शामली बाईपास गुर्जरपुर टपराना से शुरु होकर सेवापुर, टिटौली, बधेव, मुंडेट कलां, गोहरनी, शामली में अंबा विहार के सामने सहारनपुर हाईवे में मिल रहा है। बलवा रेलवे क्रासिंग के पास से पानीपत-खटीमा हाईवे का बाईपास का औद्योगिक क्षेत्र के पूरब दिशा से होते हुए जगनपुर कंडेला तक निर्माण कार्य चल रहा है।

एडीएम वित्त एवं राजस्व संतोष कुमार सिंह ने बताया कि 110 किमी लंबाई वाले अंबाला- शामली ग्रीन एक्सप्रेसवे में कुल 12 गांव शामिल है। जिसमें थ्री-डी के बाद 10 गांवों के किसानों का मुआवजा मांगा है। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कायरऩ अंबाला डिवीजन की यूनिट की देखरेख में हो रहा है।